क्या प्रदूषण नियंत्रण की बजाय, विज्ञापनों के होर्डिग के लिये लगाये गए हैं ये LED
विनी आहुजा @ DGR
इन्दौर। वैसे तो इंदौर हर चीज़ मे अव्वल नंबर पर है पर कुछ जगह लाखो का नुक्सान भी देखने को मिल रहा है, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रत्येक चौराहे पर लगाए गए लाखो के एलईडी कुछ खराब है,तो कुछ गलत आकड़े बता रहे हैं।
ऐसा ही एक एलईडी पलासिया जैसे मुख्य चौराहे पर देखने को मिला जो की सितम्बर के महिने मे पीथमपुर के अप्रैल का आँकडा बताते हुए नजर आया जिसमे दिखाए जा रहे प्रदूषण और मौसम के आंकड़ों को गलत देखा गया ।
इंदौर की प्रबुद्ध जनता को प्रदूषण विभाग सितंबर महीने में,13 अप्रैल 2021 की हवा की आद्रता ,प्रदूषण , हवा की दिशा गति,गर्मी के आंकड़े जिस समय प्रसारित कर रहा था।उस समय पांच महीने पुराने पीथमपुर के इन आंकड़ों का प्रदर्शन पलासिया चौराहे पर प्रदूषण विभाग द्वारा लगाई गई एलईडी में प्रसारित हो रहा था । वही गीता भवन , व्हाइट चर्च सहित महू नाके के एल.ई.डी बंद पड़े हुये हैं। जिस पर प्रदूषण विभाग का कोई ध्यान नही है।
सवाल तो ये उठता है कि, ये एलईडी लगाये क्यों गए हैं। क्या ऐसे भीड़-भाड़ वाले ट्रेफिक और दौड़-भाग वाली जिन्दगी में जनता इतनी दूरी और उँचाई पर लगे एलईडी में आँकड़े देख पाती होगी। ये तो समझ आता है ये जनता के किसी काम की नहीं, तो फिर क्या समझे भाई, कहीं नेता नगरी के लिये तो नहीं? अब ये तो प्रदूषण विभाग के आला अधिकारी ही बता सकते हैं।
नये नियमों के मुताबिक शहर में होर्डिंग्स का लगाया जाना मना है, इसलिये शायद विज्ञापन होर्डिंग्स को लगाने का नया तरीका निकाला है। इससे कम से कम तीन से चार लाख की कमाई भी हो जाती है।