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इंदौर

प्रवेश में देरी, खाली रह सकती है इंजीनियरिंग कालेजों में सीटें

  • 27 Jul 2021

इंदौर। प्रदेश के इंजीनियरिंग कालेजों में प्रवेश प्रक्रिया में देर होने से कई विद्यार्थी बाहर के राज्यों के कालेजों में प्रवेश लेने के लिए पहुंच रहे हैं। 12वीं के परिणाम आने के बाद कई विद्यार्थी वेल्लोर प्रौद्योगिकी संस्थान जैसे संस्थानों में प्रोविजनल प्रवेश ले भी चुके हैं। ज्वाइंट एंट्रेंस एक्जामिनेशन (जेईई) मेन का चौथा चरण अगस्त में होना है। इसके बाद ही प्रदेश के इंजीनियरिंग कालेजों में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। विद्यार्थियों और अभिभावकों को यह चिंता सता रही है कि प्रवेश में देरी होने से कहीं विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान न हो। चूंकि इंजीनियरिंग के पहले वर्ष में सभी विषय विद्यार्थियों के लिए नए होते हैं। ऐसे में पढ़ाई के नुकसान से विद्यार्थियों के परिणाम पर असर पड़ सकता है।
अभिभावक मांग कर रहे हैं कि डायरेक्टोरेट आफ टेक्निकल एजुकेशन (डीटीई) को जेईई मेन के पहले और दूसरे चरण के परिणाम के आधार पर प्रवेश देना शुरू कर देना चाहिए। हालांकि डीटीई की ओर से कहा गया है कि जब तक जेईई मेन की मेरिट लिस्ट नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) से प्राप्त नहीं होती है, तब तक प्रवेश की प्रक्रिया शुरू कराना संभव नहीं होगा। अधिकारियों का कहना है कि अगस्त के आखिरी सप्ताह या सितंबर में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो सकती है। पिछले साल भी इंजीनियरिंग में प्रवेश प्रक्रिया अगस्त में शुरू हो पाई थी। इससे प्रदेश की बीई की कुल 52 हजार सीटों में से 32 हजार ही भर पाई थी।
जेईई मेन के बाद जेईई एडवांस देने के बाद आइआइटी में प्रवेश की प्रक्रिया में विद्यार्थी शामिल होते हैं। जेईई मेन देने वाले ऐसे कई विद्यार्थी होते हैं जिनका मकसद प्रदेश के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश लेना होता है। इससे कई बार प्रदेश के इंजीनियरिंग कालेजों में जेईई मेन के परिणाम के आधार पर कई विद्यार्थी प्रवेश लेते रहे हैं। इस बार भी जिन विद्यार्थियों को जेईई मेन के पहले और दूसरे चरण के परिणाम में बेहतर अंक प्राप्त हुए हैं। उनका ध्यान इंदौर के एसजीएसआइटीएस और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के आइइटी संस्थान में प्रवेश लेने पर रहेगा। इसके बाद आरजीपीवी भोपाल और अन्य निजी इंजीनियरिंग संस्थानों में जेईई मेन के परिणाम के आधार पर प्रवेश लेना चाहते हैं।