कमर्शियल प्रॉपर्टी का संपत्तिकर आवासीय दरों से चुका रहे, सभी की जांच होगी
उज्जैन। शहर में कई कमर्शियल प्रॉपर्टी मालिक ऐसे हैं, जो आवासीय दरों से संपत्तिकर चुका रहे हैं। नगर निगम अब ऐसी संपत्तियों की जांच करेगा, ताकि निगम की आय में बढ़ोतरी हो सके और लोग सही टैक्स जमा करें।
इसके लिए नगर निगम ने जिला प्रशासन ने डायवर्शन का रिकॉर्ड मांगा है। नगर निगम बिजली कंपनी से पहले ही कमर्शियल मीटर की जानकारी मांग चुका है। दोनों रिकॉर्ड का मिलान कर यह पता लगाया जाएगा कि कहां गड़बड़ है। जांच में ये पता लगाया जाएगा कि लैंड रिकॉर्ड में जमीन का उपयोग क्या है और बिजली कंपनी का मीटर डोमेस्टिक लगा है अथवा कमर्शियल। ऐसे टैक्स चोरी की गड़बड़ी पकड़ी जाएगी। जो लोग टैक्स जमा करने में गड़बड़ी कर रहे हैं उनसे वसूली की जाएगी। नियमानुसार ऐसे लोगों पर पैनल्टी लगाकर टैक्स वसूला जाएगा।
नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए बिजली कंपनी और लैंड यूज के रिकॉर्ड का मिलान तेजी से करने को कहा है, ताकि समय रहते शत प्रतिशत टैक्स और पैनल्टी वसूली जा सके।
मार्च के पहले वसूलना है 36.5 करोड़ टैक्स -
नगर निगम सीमा में करीब एक लाख संपत्तियों हैं, जिनसे निगम को संपत्तिकर मिलता है। इस साल यह 86.5 करोड़ निर्धारित किया गया है। जबकि अक्टूबर अंत तक निगम के खाते में करीब 50 करोड़ ही टैक्स जमा हुआ है। वर्तमान वित्तीय वर्ष यानी मार्च माह तक निगम के पास पांच महीने शेष हैं। इन पांच महीनों में निगम को करीब 36.5 करोड़ रुपए और वसूलना बाकी हैं।
उज्जैन
प्रॉपर्टी टैक्स में गड़बड़झाला
- 01 Nov 2021