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बात मुद्दे की

पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या करके भी रिहा हो सकते हैं...?

  • 18 Nov 2022

यह सिर्फ भारत में ही संभव है... जहां की न्याय व्यवस्था में... उल्लेख है कि 100 अपराधी छूट जाएं ...लेकिन एक  निरअपराधी को सजा नहीं मिलना चाहिए... लेकिन राजीव गांधी के हत्यारों के... बरी होने के मामले में... स्पष्ट प्रमाणित अपराधी होना.... एक बड़ा प्रश्न खड़ा करता है...? 
जेल में उनका आचरण ठीक था ..यह वैसा ही है जैसे कोई साधु...शैतानी काम करें... और जेल में अपना व्यवहार ठीक रखें... तो वह साधु ही कहलाएगा...? क्यों...? 
हमारा देश लोकतंत्र प्रणाली पर संचालित है... लोकतंत्र में न्याय तंत्र का बड़ा महत्व है... सारा देश न्याय पर  विश्वास करता है...|  न्याय आज नहीं तो कल होता ही है...?  न्याय का भय अपराधी में ... या कहें खौफ होना ही चाहिए... ? परंतु लचर तंत्र होने से... न्याय को ठेंगा दिखाते हुए... कई अपराधी मौज करते हैं...l जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट पाते हैं... और सब की आंखों के सामने... दौलत की दम पर मौज करते हैं... ? जेल के बाहर घूमते हैं... फिर अपराध करते हैं... और यही क्रम जारी रहता है...|  
देश को अरबों रुपया का चूना लगाकर... देश से भाग जाते हैं... तब बड़ा प्रश्न मन में उठता है...? राजीव गांधी की हत्या एक बड़ा षड्यंत्र था... अपराधियों को सजा हुई... जेल भी उनको हुई... ऐसे अपराधियों को जीवन की अंतिम सांस तक... जेल की सजा होना चाहिए थी... या उन्हें मृत्युदंड और उस पर ना किसी प्रकार की दया दिखाएं... उसे अंजाम दिया जाना चाहिए था... लेकिन देश की लचर व्यवस्था में राष्ट्रपति को दया माफी का अधिकार है... क्यों?  क्या अपराधी ने अपराध के समय दया भाव रखा... क्रूरता को अंजाम दिया... उस के साथ दया क्यों... दया के नाम पर वर्षो हत्यारे जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट पाते हैं क्यों...? सरकार सुरक्षा प्रदान करती है...? करोड़ों रुपया उन पर खर्च होता है...? ऐसे देश के कई अपराधियों के मामले में प्रमाण है... एक अपराधी ने सोनिया गांधी से दया मांगी... सोनिया ने राष्ट्रपति को आग्रह किया... क्यों...? सोनिया गांधी है कौन...? जो एक हत्यारे के लिए दया मांग रही है... कितने हत्यारों के लिए सोनिया गांधी ने दया मांगी है...? राजीव गांधी सिर्फ सोनिया गांधी के पति ही नहीं थे... इस देश के सम्माननीय पूर्व प्रधानमंत्री भी थे... उनके हत्यारों के प्रति मानवीय संवेदना... मेरी नजर में गलत है...? सारे हत्यारे समय से पहले छूट गए...? तब यह चिंतन जरूरी है कि ...इस देश में कुछ भी... यानी बड़े से बड़ा बड़ा अपराध करके भी... यानी इस देश के पूर्व प्रधानमंत्री तक की... हत्या करके भी समय से पहले वह बरी हो जाएंगे..? तब न्याय प्रणाली में सुधार के विचार मेरे निजी विचार हैं...| कोर्ट की न्याय प्रणाली पर मेरी कोई टिप्पणी नहीं है...|  लेकिन न्याय का खौफ अगर देश में नहीं है... तो फिर अपराधी को सजा का भय नहीं होगा ...और भए बिना प्रीति नहीं होती... बस यही चिंतन है... की यह पूरी दुनिया में सिर्फ भारत में ही संभव है... कि कोई भी अपराधी इस देश के पूर्व प्रधानमंत्री... या किसी भी बड़ी शख्सियत की हत्या करके भी... रिहा हो सकता है...?
- एल एन   उग्र