कहा- कांग्रेस मेनिफेस्टो में महाकाल मंदिर में निशुल्क दर्शन व्यवस्था की बात लिखें
उज्जैन। कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के बयान से उज्जैन के संत नाराज हो गए। उन्होंने सज्जन वर्मा को आगामी विधानसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र में महाकाल मंदिर में वीआईपी कल्चर को समाप्त करने और मंदिर में निशुल्क दर्शन व्यवस्था लागू करने सहित मध्य प्रदेश में मठ मंदिरों के सरकारीकरण को समाप्त करने की घोषणा अपने मेनिफेस्टो में करने की मांग कर दी। दो दिन पहले प्रेस कांफ्रेंस में बीजेपी के नेताओं पर बात करते हुए वर्मा ने कहा था की महाकाल मंदिर में यूं- यूं करते है ना भस्म आरती में और फला ढिमका सोला पहनकर, पाखंडी लोगों से यही उम्मीद की जा सकती है। वहीं स्वस्तिक पीठ के पीठाधीश्वर डॉ अवधेशपुरी महाराज ने प्रधानमंत्री को वीआईपी कल्चर और दर्शन शुल्क पर रोक लगाने के लिए पत्र लिखा है।
नारी सम्मान योजना के लिए उज्जैन पहुंचे पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान महाकाल मंदिर में वीआईपी कल्चर और गर्भगृह में प्रवेश को लेकर वसूली जा रही राशि को लेकर सवाल किया गया था। इस पर वर्मा ने कहा था कि मैं जब प्रभारी मंत्री था भगवान महाकाल की सौगंध एक बार भी मैंने गर्भगृह के अंदर जाकर वो यूं- यूं करते है ना, भस्म आरती में और फला ढिमका सोला पहनकर, में नंदी जी के पास बैठता था, एक बार भी अंदर नहीं घुसा हूं। पाखंडी लोगों से यही उम्मीद की जा सकती है, भगवान राम को बेच दिया पिछले चुनाव में, अब भगवान शंकर को बेचेंगे। इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद महंत अवधेश पूरी महाराज ने सज्जन सिंह के बयान पर सवाल खड़े करते हुए पूछा है की पाखंड का शब्द उन्होंने किसके लिए किया है।
उनको क्लियर करना चाहिए। अगर कांग्रेस अपने आप को भगवान शिव का भक्त बताती है, तो कांग्रेस को अपने घोषणा पत्र में बात लिखनी चाहिए कि महाकाल मंदिर में वीआईपी कल्चर को समाप्त किया जाएगा। मंदिर में निशुल्क दर्शन व्यवस्था लागू की जाएगी। मध्य प्रदेश में मठ मंदिरों के सरकारी करण को समाप्त किया जाएगा।
उज्जैन
पूर्व मंत्री के पाखंड वाले बयान से संत नाराज
- 13 May 2023