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पुलिस से बचने के लिए बन गया कंप्यूटर क्लास संचालक, डीजिटल अरेस्ट का आरोपी पकड़ाया, पूछताछ जारी

  • 14 Dec 2024

इंदौर। सात राज्यों में डिजीटल अरेस्ट की वारदातों में शामिल बदमाशों के साथी को क्राइम ब्रांच ने पश्चिम बंगाल से दबोच लिया है। आरोपी पुलिस से बचने और लोगों को ध्यान भटकाने कम्प्यूटर क्लास का संचालक बन गया था। उसके खाते में करोड़ों रुपए के आनलाइन ट्रांजेक्शन मिले हैं। आरोपी के साथी पूर्व में क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ चुके हैं, उन्हीं साथियों ने पूछताछ में आरोपी का नाम बताया था। उद्योगपति की पत्नी वंदना गुप्ता ने शिकायत में बताया था कि उन्हें अज्ञात ठग गैंग द्वारा स्काइप एवं व्हाट्सएप वीडियो कॉल कर अलग-अलग शासकीय विभाग का अधिकारी बताकर मनी लांड्रिंग केस में जेल जाने का डर बताकर एक करोड़ 60 लाख रुपए ठग लिए थे। मामले में पुलिस ने अज्ञात ठगों पर धारा 318(4), 308(2), 316(5), 111(4), 3(5)  में केस दर्ज किया था। ठगों के मोबाइल नंबर ट्रेस कर प्रतीक जरीवाला, अभिषेक जरीवाला, चंद्रभान बंसल, राकेश कुमार बंसल, विवेक रंजन उर्फ पिंटू गिरी निवासी जिला खेड़ा गुजरात, अल्ताफ कुरैशी निवासी जिला आणंद को पूर्व में गिरफ्तार किया था। इन आरोपियों से पूछताछ के बाद बांग्लादेश, असम, बंगाल बॉर्डर पर स्थित कुच बेहर के आरोपी अभिषेक पिता तपन कुमार चक्रवर्ती निवासी कूच बेहर को पकड़ा।  दोबारा खुलवाए खाते
आरोपी अभिषेक ने पूछताछ में बताया कि उसने डिजीटल अरेस्ट गैंग के साथ कोलकाता की होटल में योजना बनाकर स्वयं का बैंक ऑफ महाराष्ट्र का करंट  अकांउट ठगी के लिए उपयोग किया था। जब ट्रांजेक्शन लिमिट कम थी तो पिता के नाम से फर्जी फर्म बनाकर बंधन बैंक में करंट अकाउंट खुलवाया, जिसकी ट्रांजेक्शन लिमिट करोड़ों में थी।
आरोपी को डिजीटल अरेस्ट ठगी की राशि में ज्यादा परसेंटेज पर कार्य करना कबूला। कोलकाता से गैंग के हेड ने उसे बताया था कि पुलिस को गुमराह करने के लिए तुम्हें ट्रांजेक्शन किसी और जगह से करना होंगे। इसके लिए पहले लखनऊ जाना होगा, जहां तुम्हें गैंग के अन्य सदस्यों से मिलने का मौका भी मिलेगा। फ्रॉड के ट्रांजेक्शन लखनऊ से होंगे तो किसी को शक भी नहीं होगा। लेकिन,  गैंग ने ऐन वक्त पर ट्रांजेक्शन स्थल लखनऊ से पुणे कर दिया।
गैंग के मेंबर ने पुणे की फ्लाइट टिकट मुझे देते हुए कहा कि कोलकाता से पुणे जाना है। जब मैं पुणे पहुंचा तो साथी आरोपीगण होटल में ले गए, जहां पूरा फ्रॉड ट्रांजेक्शन हेतु सेटअप देखा। गैंग के मेंबरों ने देशभर के लोगों से हड़पी ठगी की राशि मेरे बैंक खाते में जमा कराई। इसके बाद यही राशि अन्य खातों में ट्रांजेक्शन की। उसके बाद मैं फ्लाइट से कोलकाता आ गया। बैंक खाते एवं मोबाइल का उपयोग बंद कर दिया ताकि पुलिस कार्रवाई से बचा जा सके।
एक दिन में जमा कराए एक करोड़ 93 लाख रुपए
आरोपी अभिषेक ने पुलिस को गुमराह करने के इरादे से कूच बेहर से 2 हजार किलोमीटर दूर पुणे स्थित बैंक  में एक ही दिन में 1 करोड़ 93 लाख रुपए के ट्रांजेक्शन किए थे। इसमें फरियादी के 60 लाख रुपए भी शामिल है।