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इंदौर

पीसीपीएनडीटी सलाहकार समिति की बैठक आयोजित

  • 14 Dec 2021

जन्म के समय लिंगानुपात पर बेहतर प्रदर्शन पर कलेक्टर ने दी समिति के सदस्यों को बधाई
इंदौर। कलेक्टर मनीष सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में पीसीपीएनडीटी सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई। कलेक्टर सिंह ने सलाहकार समिति के सभी सदस्यों को नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 में जिले में हुये जन्म के समय लिंगानुपात के आंकड़ों में सुधार लाने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार इंदौर जिले में जन्म के समय लिंगानुपात जो 2015-16 में 849 था, वह 2019-21 में बढ़कर 996 हो गया है। जन्म के समय लिंगानुपात पर इंदौर जिले ने जो 147 अंकों की छलांग लगाई है उसमें सलाहकार समिति के सदस्यों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
कलेक्टर सिंह ने पीसीपीएनटीडी एक्ट के जमीनी स्तर पर बेहतर एवं प्रभावी क्रियान्वयन के लिये एसडीएम लेवल पर एक्ट की मॉनिटरिंग हेतु समिति गठित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिले में कैमिस्ट शॉप पर बिना प्रिस्क्रिप्?शन एवं योग्य चिकित्सक द्वारा परामर्श के एमटीपी पील्स के विक्रय पर रोक लगाने के लिये जल्द ही आदेश पारित किये जायेंगे। कलेक्टर सिंह ने निर्देश दिये कि जो भी सोनोग्राफी सेंटर पीसीपीएनडीटी एक्ट के नियमों का उल्लंघन करता है उसके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि हमे आगे आने वाले समय में ना केवल जन्म के समय लिंगानुपात को बेहतर करना है बल्कि शिशु लिंगानुपात में भी अनुरूप सुधार लाना है। इसके लिये जिले में जागरूकता अभियान चलाये जायेंगे। बैठक में सर्व सहमति से निर्णय लिया गया कि जिले में अवैध मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी रोकने के लिए जिले के स्कूल एवं कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। जहां समिति सदस्यों द्वारा युवक एवं युवतियों को अवैध मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी के दूषप्रभावों के बारे में अवगत कराया जायेगा।
बैठक में समिति के सदस्यों द्वारा जिले में पिछले तीन दशकों में पीसीपीएनडीटी  एक्ट के क्रियान्वयन एवं उसके परिणामों के संबंध में पीपीटी प्रेजेंटेशन दिया गया। प्रेजेटेंशन में बताया गया जिले में प्रसव पूर्व लिंग जांच को रोकने के लिये सोनोग्राफी केन्द्रों की पुन: मैपिंग करायी जा रही है। साथ ही गर्भवती महिलाओं के पहचान पत्र भी अनिवार्य कर दिये गये है। सलाहकार समिति द्वारा भी इस संबंध में नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है।