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DGR विशेष

बच्चों को ऑनलाइन गेम की खतरनाक लत

  • 03 Feb 2022

खुदकुशी के अलावा चोरी भी के मामले भी सामने आए
पैसे कम पड़े तो मम्मी का सोने का हार, पापा की गोल्ड चेन चुराई; घर से 20 हजार रुपए भी पार किए
छतरपुर। मध्यप्रदेश में ऑनलाइन गेम के साइड इफेक्ट बढ़ते जा रहे हैं, खासकर बच्चों में। एमपी में जहां दो बच्चों ने गेम के कारण खुदकुशी कर ली तो वहीं बच्चों द्वारा चोरी के मामले भी सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला छतरपुर में सामने आया है, जहां फ्री फायर गेम की लत के चलते दो बच्चों ने अपने ही घर में चोरियां कर लीं। इनमें से एक बच्चे ने अपनी मां का सोने का हार और पिता की गोल्ड चेन चुरा ली थी। उसका इन गहनों को बेचने का प्लान था। हालांकि इससे पहले ही उसकी चोरी पकड़ी गई।
इन नाबालिगों की उम्र 16 और 12 साल है। मोबाइल रिचार्ज कराने के लिए इन दोनों ने अपने ही घर से 20 हजार रुपए भी पार कर लिए थे। परिजनों को जब तक पता चला, तब तक वे मोबाइल में 14 हजार का रिचार्ज करा चुके थे। मामला शहर में बुंदेलखंड गैरेज के पीछे का है। दोनों बच्चे पड़ोसी हैं। दोनों में दोस्ती भी है। कोरोना काल के दौरान दोनों साथ में ऑनलाइन क्लास अटैंड करते थे। क्लास के लिए मिले मोबाइल पर इस दौरान दोनों फ्री फायर गेम खेलना सीख गए। दोनों को ऑनलाइन गेम की ऐसी लत लगी कि रिचार्ज कराने के लिए अपने-अपने घरों से उन्होंने रुपए चुराने शुरू कर दिए।
ऐसे हुआ खुलासा
घर में लगातार हुई चोरियों के बाद परिजनों ने पुलिस से शिकायत की, जिसके बाद हुई जांच में बच्चों की करतूत का खुलासा हुआ। रिकॉर्डिंग से पता चला कि रुपए उनके बच्चे ही चोरी कर रहे हैं। 12 साल के लड़के ने सितंबर 2021 में अपने घर से मां का 4 तोले का सोने का हार और पापा की चेन चुराई थी। दोनों अपने-अपने घरों से अब तक 20 हजार रुपए भी चुरा चुके थे।
रुपए हारने के तनाव में बच्चे ने की थी खुदकुशी
इससे पहले 30 जुलाई 2020 को छतरपुर के सागर रोड निवासी 13 साल के बच्चे ने फ्री फायर गेम में 40 हजार रुपए हारने के बाद तनाव में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। सागर रोड पर पैथालॉजी संचालित करने वाले विवेक पांडेय की पत्नी प्रीति पांडेय जिला अस्पताल में पदस्थ हैं। दंपती का बेटा कृष्णा पांडेय भी ऑनलाइन क्लास के दौरान फ्री फायर गेम खेलने का आदी हो गया था। इस खेल में कई लोग ऑनलाइन शामिल होते हैं। रुपए लगाकर हार-जीत के दांव भी लगाते हैं। कृष्णा ने अपने सुसाइड नोट में 40 हजार रुपए हारने का जिक्र किया था।
भोपाल में भी 11 साल के बच्चे ने लगा ली थी फांसी
ऑनलाइन गेम की लत के चलते ही 13 जनवरी 2022 को भोपाल में 11 साल के बच्चे ने फांसी लगा ली थी। शंकराचार्य नगर बजरिया में रहने वाले योगेश ओझा ऑप्टिकल की दुकान चलाते हैं। उनका 11 साल का इकलौता बेटा सूर्यांश सेंट जेवियर स्कूल अवधपुरी में 5वीं का स्टूडेंट था। बॉक्सिंग रिंग में रस्सी के फंदे पर सूर्यांश लटका मिला था। पेरेंट्स का कहना था कि बच्चा मोबाइल में फ्री फायर गेम खेलने का आदी था। साथ ही वो टीवी में भी गेम खेलता था। ऑनलाइन गेम का इतना शौकीन था कि उसने गेम फाइटर की ड्रेस भी खुद ही ऑनलाइन मंगाई थी।
गेम में हथियार अपडेट करने के लिए लगते हैं रुपए
फ्री फायर गेम में 10 मिनट का युद्ध होता है। यूजर्स को नए-नए हथियार खरीदने का मौका मिलता है। फ्री फायर को दोस्तों के साथ मिलकर खेला जा सकता है। टीम के साथ खेलना यूजर्स को काफी पसंद आता है। गेम खेलने और गेम के लेवल को अपग्रेड करने के लिए पैसे देने पड़ते हैं।
गेम खेलने से बच्चों को ऐसे रोक सकते हैं
कुछ कंपनियों ने पेरेंटल कंट्रोल ऐप जारी कर रखे हैं। ऐसे ऐप को प्ले स्टोर से खरीदा जा सकता है। इसे खरीदने से पहले अच्छे से पड़ताल कर लें। पेरेंट्स को भी बच्चों के लिए गेम खेलने का समय निश्चित करना चाहिए। आधे घंटे से अधिक गेम न खेलने दें।
बच्चों को समय दें पेरेंट्स
पुलिस के अनुसार बच्चों को समझाने के बाद पेरेंट्स को मोबाइल बैलेंस में खर्च होने के बाद बची रकम दिलवा दी गई है। जो बच्चे ऑनलाइन गेम खेल रहे हैं, पेरेंट्स को चाहिए कि ऐसे बच्चों को फिजिकल एक्टिविटी के लिए प्रेरित करें। पेरेंट्स को बच्चों के साथ समय बिताने की जरूरत है।