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गिरिडीह

बच्चे कुपोषण से बेहाल, आंगनवाडिय़ां बदहाल : कांग्रेस

  • 02 Jun 2022

इंदौर। बीते दिनों मध्यप्रदेश के चौथी बार के मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने 17 वर्षों बाद आंगनवाड़ी में पढऩे वाले बच्चों की सुध ली। उन बच्चों के लिए खिलौने एकत्रित करने ठेले पर निकले। विडम्बना देखिये आंगनवाडिय़ों में पढऩे वाले बच्चों को शिवराज जी के फोटों वाले बड़े-बड़े विज्ञापन और समाचार पत्रों की सुर्खियों के अलावा कुछ भी हासिल नहीं हुआ।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता  संतोष सिंह गौतम, इंदौर शहर कांग्रेस अध्यक्ष  विनय बाकलीवाल, इंदौर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सदाशिव यादव, विधायक  संजय शुक्ला, विधायक  विशाल पटेल एवं प्रदेश कांग्रेस सचिव  राजेश चौकसे की संयुक्त पत्रकार-वार्ता मे्ं बाताया कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (4) की रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में अति गंभीर (कुपोषित) बच्चों का प्रतिशत 9.2 था जो  नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे (5) अर्थात 2021 में 6.5 है । इसी प्रकार गंभीर कुपोषित बच्चों का प्रतिशत 25.8 से इस दौरान 19 प्रतिशत हुआ है । इसका आशय है कि प्रतिवर्ष मात्र 1 प्रतिशत से कुछ अधिक का सुधार हो रहा है ।  इस अति धीमी प्रगति को देखते हुए शिवराज सिंह चौहान के दावे खोखले दिखाई देते हैं। इतना ही नहीं मध्यप्रदेश में अभी भी 5 वर्ष तक के 30-35 लाख बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। जो कि देश के सभी प्रान्तों में सर्वाधिक की श्रेणी में है ।  आंगनवाड़ी सेवा स्कीम में वर्ष 20-21 में 1220 करोड़ और 21-22 में नवंबर 21 तक 694 करोड़ अनुदान मिल चुका है। केंद्र सरकार हर पांच साल में प्रत्येक आंगनवाड़ी को 2लाख रुपये उन्नयन हेतु, 3 हजार मेंटनेंस हेतु, 19 हजार फर्नीचर हेतु, 3 हजार प्रति माह प्री एक्टिविटी (चॉक, पेंसिल खिलौने आदि) हेतु देती है। ये पैसा कहां जाता है। यह पता लगाना मुखिया का काम है, मगर ठेले लगाये जा रहे हैं, सामानों की सूची जारी करके जो भीख मांगी जा रही है।