बोले- न्यूनतम अंक 40त्न करें, अभी अजजा संविदा वर्ग 3 के चार हजार पद खाली
इंदौर। पिछले दिनों संविदा वर्ग तीन के अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों ने बरसते पानी में प्रदर्शन किया। इनकी मांग है कि 2022 में आयोजित प्राथमिक चयन परीक्षा में हमें 50 प्रतिशत अंग लाना अनिवार्य किया गया है। चूंकि आदिवासी उम्मीदवारों के 4 हजार से ज्यादा पद रिक्त हैं, इसलिए न्यूनतम अंक को 50 से घटाकर 40 प्रतिशत कर दिया जाए।
अजजा छात्रों का कहना है कि हम बड़े शहरों में जाकर कोचिंग लेने में सक्षम नहीं हैं, इसलिए हम 50 प्रतिशत अंक नहीं ला सकते। और इसीलिए हम तकनीकी शिक्षा से भी वंचित रह जाते हैं। अजजा छात्रों ने कहा कि शिक्षक भर्ती परीक्षा में 2005, 2009 और 2019 में भी इसी तरह 40 प्रतिशत अंकों पर भर्ती दी गई थी।
शुक्रवार को फिर ये छात्र समूह के रूप में दोपहर 12 बजे कलेक्टोरेट पहुंचे और घेराव किया। इन लोगों ने फिर जमकर नारेबाजी की। गुस्साये इन लोगों का कहना है जांच के नाम लेतलाली चल रही है तथा योग्य होने के बावजूद उन्होंने नौकरियां नहीं मिल रही है।
आदिवासी छात्र-छात्राओं की ये हैं मांगें
इन लोगों की मांगें हैं कि बैगा, भारिया व सहारिया भर्ती कानून में संशोधन किया जाए और इसमें सीधी भर्ती बंद की जाए। इसके साथ ही 100त्न सीधी भर्ती आरक्षण खत्म हो। इन लोगों का कहना है कि हम किसी से भीख नहीं मांगते हम अपना अधिकार मांगते हैं। आदिवासियों के साथ भेदभाव बंद करो। उन्होंने नारे लगाए कि न मैं चोर हूं न चौकीदार हूं, साहब मैं एक आदिवासी बेरोजगार हूं। ये लोग मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर को सौंपने की तैयारी में है।
इंदौर
बरसते पानी में आदिवासी छात्रों का कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन
- 29 Jul 2023