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बाइडेन सरकार के इस कदम से होगा तमाम भारतीयों को फायदा

  • 02 Apr 2021

नई दिल्ली. भारत के आईटी प्रोफेशनल्स के लिए एक गुड न्यूज है. अमेरिका में विदेशी पेशेवरों को दिए जाने वाले वीजा पर लगा प्रतिबंध समाप्त हो गया है. इसमें एच-1बी वीजा भी शामिल है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस पर 31 मार्च 2021 तक प्रतिबंध लगाया था. बाइडेन प्रशासन ने इसे लेकर 1 अप्रैल को कोई नई अधिसूचना जारी नहीं की. पिछले साल जून में डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे जिसमें H-1B सहित अन्य विदेशी वर्क वीजा धारकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दी गई थी. ट्रंप प्रशासन ने इसे उन अमेरिकियों की नौकरियों को बचाने के लिए एक आवश्यक कदम के रूप में बताया था, जिन्होंने कोरोना संकट के कारण अपनी नौकरी गंवा दी थी. 
डोनाल्ड ट्रंप का कहना था कि अमेरिका में कोरोना वायरस संकट के चलते नौकरी गंवाने वाले अमेरिकी प्रोफेशनल्स का कोई दोष नहीं है और इसकी वजह से उनकी जगह विदेशी लोगों को नहीं लाया जाना चाहिए. उस दौरान व्हाइट हाउस ने जारी बयान में कहा था कि जब इतने सारे अमेरिकियों के पास काम न हो तो कुछ अपवादों के साथ, हमें बड़ी संख्या में विदेशी कामगारों को अमेरिका में एंट्री देने की परमिशन नहीं देनी चाहिए. 
विदेशी प्रोफेशनल्स को दिया जाने वाला अस्थायी गैर-आप्रवासी वीजा की सभी श्रेणियों में एच-1बी सबसे प्रसिद्ध है. इसके बाद L1 और H-2B वीजा की बारी आती है. आईटी क्षेत्र में सबसे हुनरमंद पेशेवरों को एच-1बी वीजा जारी किया जाता है. इनमें सबसे बड़ी संख्या भारतीय प्रोफेशनल्स की है. हालांकि, विदेशी प्रोफेशनल्स को H-1B और अन्य वर्क वीजा मुहैया कराने के लिए अमेरिकी प्रशासन की आलोचना भी होती रही है लेकिन अमेरिका सस्ते श्रम के लिए इसकी अनुमति देता है. इसकी बड़ी वजह यह है कि सबसे हुनरमंद आईटी प्रोफेशनल्स भारत और चीन जैसे देशों के हैं. इनकी कार्य कुशलता की वजह से अमेरिकी कंपनियों को काफी फायदा होता है. 
credit- aajtak.in