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इंदौर

बाघ-तेंदुआ विचरण, अब तक वन विभाग के हाथ खाली ही

  • 24 Jun 2023

मलेंडी सहित आस - पास के गांवो में सन्नाटा, स्कूल भी सूने हुए
इंदौर। समीपस्थ महू में वन विभाग की तमाम मशक्कत के बाद भी जंगली जानवर पकड़ से बाहर है। इधर, आदिवासी बाहुल्य मलेंडी सहित आस - पास के आधा दर्जन से भी अधिक गांवा में खासकर शाम के बाद सन्नाटा नजर आ रहा है।
सवा माह से भी अधिक समय से बाघ के साथ ही तेंदुआ सहित अन्य जंगली जानवरों का डर लोगों को परेशान किए हुए है, इस दौरान जनहानि के साथ ही मवेशियों का भी शिकार जानवरों द्वारा किया गया, लेकिन वन विभाग अब तक आदमखोर हो चुके बाघ सहित तेंदुए को नहीं तलाश पाया है। इधर जंगल प्रभावित एरिया के आधा दर्जन गांवों में खासकर मलेंडी , बढ़िया, मागलिया, नाहरखेड़ा आदि ग्रामों में खेती किसानी, पशुपालन के साथ ही स्कूली बच्चों की दिनचर्या भी प्रभावित है, शाम होते ही गांव पहुंच मार्ग पर सन्नाटा पस जाता है, वही मलेंडी सहित अन्य शासकीय विधालयों में बच्चों ने पढ़ने आना भी बंद कर दिया है, बताया जा रहा है जंगली जानवर के डर से ग्रामीण अपने बच्चों को स्कूल तो दूर घर से बाहर भी नहीं निकलने दे रहे हैं।
बड़गोंदा नर्सरी के पास पंजों के निशान
उधर, बाघ की हलचल बड़गोंदा नर्सरी के समीप पाई गई। मौके पर वन विभाग की टीम पहुँची और बाघ के पंजों के निशान पाए गए। पंजों के निशान से यह अंकित होता है कि बाघ वन क्षेत्र की ओर आगे बढ़ गया है एवं ग्राम एवं शहर के रहवासियों को जंगल की ओर न जाने की सख्त हिदायत दी जा रही है।
वनक्षेत्र में बिना आज्ञा प्रवेश न करे
उपमंडल  फॉरेस्ट रेंजर वैभव उपाध्याय ने कहा है कि कुछ दिनों में वर्षा के साथ वन्यप्राणियों की हलचल रहवासी इलाकों के आस पास काफी कम हो जाएगी। जब तक हमें लगातार वन्यजीवों के विचरण की सूचना मिलती रहेगी तब तक रहवासियों से निवेदन है कि वे वनक्षेत्र में बिना आज्ञा प्रवेश न करें। बिना आज्ञा अथवा सूचना के वनक्षेत्र में भ्रमण हानिकारक साबित हो सकता है अतएव बच्चों, महिलाओं एवं बूढ़ों को अंधेरे के वक्त खेतों एवं वनक्षेत्र में अकेले न जाने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।