भोपाल। भोपाल में सालभर में 34.37 करोड़ रुपए की बिजली चोरी होती है। इनमें सबसे ज्यादा 5.17 करोड़ की बाग फरहतअफजा इलाके में होती है। बिजली चोरी पर लगाम लगाने के लिए भोपाल में नए सिरे से बिजली का पूरा इन्फ्रास्ट्रक्चर बदलने की तैयारी की जा रही है। 376.61 करोड़ रुपए खर्च करके बिजली का पूरा खाका बदला जाएगा।
पुराने शहर के उन इलाकों में जमीन के अंदर बिजली की लाइन बिछाई जाएगी, जहां बिजली की सबसे ज्यादा चोरी होती है। बिजली कंपनी के आंकड़ों के मुताबिक पुराने शहर के कई इलाकों में अभी भी 89त्न तक बिजली चोरी की जा रही है। चोरी रोकने रेवेम्प्ट रिफॉम्र्स रिडक्शन बेस्ड एंड लिंक डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर(आरआरआरडीएस) स्कीम के तहत इन इलाकों में 175 सर्किट किलोमीटर लंबी अंडर ग्राउंड बिजली लाइन बिछाई जाएगी।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि 376.61 करोड़ रुपए में से बिजली लाइनों से होने वाली हानि सहित बिजली चोरी रोकने 114.56 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। 175 किमी अंडरग्राउंड केबल मिलाकर नए कामों पर 262.05 करोड रुपए खर्च होंगे।
स्कीम के तहत यह काम भी होंगे
1. वोल्टेज फ्लकचुएशन से राहत के मद्देनजर बिजली के लोड को कम करने के लिए 250 नए ट्रांसफार्मर भी लगाए जाएंगे। 2. 42 किमी लंबी 33 केवी क्षमता की हाईटेंशन लाइन और 63 किमी लंबी 11 केवी क्षमता की बिजली लाइन बढ़ाई जाएगी। 3. 14 करोड़ रुपए के 550 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर भी रखे जाएंगे। 4. 175 सर्किट किलोमीटर की 33 केवी रिंग मेन लाइन को मोनोपोल पर स्थापित किया जाएगा। इसकी लागत 175 करोड़ रुपए है।
भोपाल
बिजली चोरी को रोकने ,अब 114 करोड़ रुपए होंगे खर्च
- 10 Jan 2022