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भोपाल

बंदरों का आंतक, 'सरदारÓ को पकड़ा तो बाकी 40 बंदर खुद पिंजरे में आ गए

  • 31 Jan 2022

भोपाल। भोपाल वन मंडल के बैरसिया रेंज के गिलोद गांव से एक दिन में काले मुंह के 40 बंदरों को पकड़कर जंगल में छोड़ा गया है। अभी तक वन विभाग 2 या 3 बंदर पकड़कर जंगल में छोड़ते थे। रेंजर ने पिंजरों को इस तरह से डिजाइन किया कि मुखिया बंदर के अंदर पहुंचने के बाद एक के बाद एक बंदर एकसाथ पिंजरे में पहुंच गए। इसके लिए दो पिंजरे सेट किए गए थे। यह बंदर कई दिनों से गांव में आतंक मचाए हुए थे। लोगों के घरों में घुस जाते थे और बर्तन, कपड़े उठाकर ले जाते थे। लोगों की शिकायत के बाद ही वन विभाग ने बंदरों को पकड़कर जंगल में छोड़ा।
बैरसिया रेंज के रेंजर नरेंद्र कुमार चौहान ने बताया कि एक पिंजरा रहता है। इसमें गेट खोलकर चना डाल देते हैं। उसी पिंजरे से सटाकर दूसरा पिंजरा लगाया जाता है। जब पिंजरे में एक साथ बंदर चना खाने आते हैं तो पिंजरे को बंद कर दिया जाता है। पिंजरे का गेट बंद होने के बाद दूसरे पिंजरे का गेट खोल दिया जाता है, जिससे वह दूसरे पिंजरे में निकलने के लिए आते हैं तभी उसे भी बंद कर दिया जाता है।
इससे बंदर ट्रांसलोकेशन पिंजरे में कैप्चर हो जाते हैं। चौहान ने बताया कि बंदरों में मुखिया भोजन पर सबसे पहले हक जमाता है। जैसे ही वह चना खाने आता है, उसके पीछे दूसरे बंदर आते हैं। सभी बंदर मुखिया को फॉलो करते हैं।