इंदौर। दलितों के मसीहा डा भीमराव आंबेड़कर की पावन भूमि पर शासन ने करोड़ों रूपए खर्च कर विकास व निर्माण कार्य करवाया है, बाबा साहेब ककी जयंती पर लाखों अनुयायी आते है तो साल भी ही भव्य स्ममारक पर देश भर से दर्शनार्थी श्रद्धा पूर्वक सजदा करते है। यहां की व्यवस्था मेमोरियल सोसाइटी के माध्यम से सुचारू है। जिस पर काबिज होने को लेककर कई बार अप्रिय विवाद सामने आ चुके है। एक बार फिर ऐसा ही नजारा फिर सभी के सामने है।
देश भर के लोगों के लिए आस्था का केंद्र काली पल्लन स्थित भीम भूमि की देख - रेख और व्यवस्था समिति डा आबेड़कर मेमोरियल सोसाइटी में अनेक पदाधिकारियो ंको शामिल और बाहर करने का विवाद लंबे समय से जारी है। नए चुनाव के बाद से ही एक पक्ष ना सिर्फ आरोप - प्रत्यारोप लगाता रहा है, बल्कि अदालत की शरण भी ले रखी है। वही बाबा साहेब जयंती के पूर्व समिति का विवाद अब और अधिक चर्चा में आ गया है। दरअसल एक गुट द्वारा पुणे से शुरू हुई यात्रा के यहां आने और दो दिवसीय धरने के बाद दोनों ही पक्ष एक दूसरे के खिलाफ मुखर हो गए है। बताया जा रहा है मेमोरियल सोसाइटी को लेककर दूसरा धड़ा मांगे मंजूर नहीं होने पर 14 अप्रैल को बड़ा प्रदर्शन कर सकते है।
देश भर की प्रमुख हस्तियां आ सकती है
कोविड 2019 का असर बाबा साहेब की जयंती पर भी पड़ा है लिहाजा दो साल से बाबा साहेब के स्मारक पर सीमिति संख्या की उपस्थिति में ही आयोजन हुुए है। इस बार 14 अप्रैल को दलित महाकुंभ के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से हजारों अनुयायी आएंगे। साथ ही देश के प्रमुख राजनीति व सामाजिक दलों के साथ ही केंद्रीय मंत्री प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित अन्य राजनीतिक व सामाजिक हस्तियां यहां आने की संभावना है। पूर्व में देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति सहित कई हस्तियां बाबा साहेब की जयंती पर यहां आ चुुकी है।
आर्थिक अनिमितताओं की गंूज
आंबेड़कर मेमोरियल सोसाइटी में काबिज सदस्यों व बाबा साहेब उत्थान से जुड़ी कई संस्थाओं व श्रद्धालुओं के मध्य शुरूआत से ही स्मारक व्यवस्था के साथ ही विभिन्न कार्यो के दौरान बजट व खर्च को लेकर आरोप - प्रत्यारोप लगतते रहे है। साथ ही यहां पर रखी दान पेटी के साथ ही देश भर से आने वाले भक्तों द्वारा चढ़ावा की राशि और उसमें से कथित रूप से गड़बड़ी को लेकर कई बार जिम्मेदारों के समक्ष शिकायतों के साथ ही जांच आदि भी चर्चा में रही है। इस बार भी स्मारक समिति का विरोध कर रहे लोग इसी तरह के आरोपों को खुलकर बयां कर रहे है।
भंतेजी ने आत्महत्या की थी
इन्हीं आरोपों व कतिपय कारणों के चलते तात्कालीन सोसाइटी अध्यक्ष भंतेजी ने आत्महत्या की ली थी, साथ ही एक सोसाइट नोट भी छोड़ा था जिस पर लंबे समय तक पुलिस जांच जारी रही थी।
इंदौर
बाबा साहेब आंबेड़कर व्यवस्थापक समिति का विरोध, 14 अप्रैल को बड़ा प्रदर्शन संभावित
- 21 Feb 2022