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भोपाल

बारिश - कई जिलों में हाल-बेहाल

  • 23 Aug 2022

सड़कों पर भरा पानी, सैंकड़ों कॉलोनियां जलमग्न; नदियों में उफान से पुल-पुलिया डूबी
भोपाल। मध्यप्रदेश में लगातार हो रही बारिश से हालात बिगड़ गए हैं। कई जिलों में हाल बेहाल है, जन-जीवन ठहर सा गया है। लगातार बारिश से नर्मदा, चंबल, बेतवा और शिप्रा समेत तमाम छोटी बड़ी नदियां उफान पर हैं। आलम ये है कि सड़कों पर पानी भरा है, पुल-पुलिया डूब गईं है। सैकड़ों कॉलोनियां जलमग्न है। भोपाल में तो बारिश ने 6 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
पिछले 24 घंटे में राजधानी में सबसे ज्यादा 7.5 इंच बारिश हो चुकी है। जबकि इस मानसून में अब तक 56 इंच बारिश हो चुकी है। कलियासोत डैम के 7 और भदभदा के 5 और केरवा डैम के 5 गेट खोल दिए गए हैं। प्रदेश में दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा बारिश गुना में हुई है। यहां पिछले 24 घंटे में 7 इंच बारिश हो चुकी है। नर्मदापुरम में सुखतवा नदी के पुल पर पानी आने से भोपाल-नागपुर नेशनल हाईवे बंद हो गया। जानिए प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश वाले जिलों में क्या हाल है।
भोपाल में दोपहर 2 बजे प्रशासन अकादमी के सामने दो से तीन फीट भरे पानी में एक वैन फंस गईं। रायसेन रोड पर सड़क पर ही पेड़ गिरने की वजह से ट्रैफिक डायवर्ट किया गया। तरुण पुष्कर के पास बाइक सवार पर पेड़ गिर गया। हादसे में युवक की मौत हो गई। भोपाल की करीब 50 से अधिक कॉलोनियों में सुबह 6 बजे से बिजली गुल है। 200 से ज्यादा कॉलोनियों में पानी घुस गया है। शिक्षा विभाग ने हालात को देखते हुए मंगलवार को स्कूलों की छुट्टी को लेकर शाम तक निर्णय लेने की बात कह रहा है। मिसरोद में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
गुना में 20 घंटे टापू पर फंसे रहे 3 ग्रामीण  
गुना में 24 घंटों में 6.8 इंच पानी गिर चुका है। बमोरी इलाके के पीपल्या गांव में रविवार को भैंस चराने गए 3 ग्रामीण टापू पर फंस गए। 20 घंटों तक वह टापू पर फंसे रहे। प्रशासन ने उन्हें एयरलिफ्ट करने के लिए गृह विभाग को मदद के लिए पत्र भी भेज दिया था। पानी थोड़ा कम हुआ तो बचाव  दल ने अपनी बोट उतार दी। ग्रामीण एक किमी अंदर फंसे हुए थे, जिन्हें रेस्क्यू कर लिया गया।
भोपाल-नागपुर नेशनल हाईवे पर आवागमन बंद
नर्मदापुरम में भारी बारिश हो चुकी है। सुखतवा में नदी के पुल पर पानी आने से भोपाल-नागपुर नेशनल हाईवे पर सुबह 4 बजे से आवागमन बंद है। दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार है। नर्मदा नदी में 8 घंटे में 8 फीट पानी बढ़ चुका है। बढ़ते जलस्तर देखते हुए शाम 6 बजे तक अलार्म लेवल तक पानी पहुंचने की संभावना है। पिपरिया में 24 घंटे से बिजली गुल है। पिपरिया--रायखेड़ी मार्ग रपटे पर पानी आने से आवागमन बंद है। पचमढ़ी रोड पर पेड़ गिरने से यातायात बाधित रहा।
सागर में भारी बारिश का अलर्ट
सागर में 6.8 इंच बारिश हुई है। सबसे ज्यादा बारिश जैसीनगर में हुई है। सागर में 24 घंटों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। सिंगारचोरी, बांसा समेत अन्य आसपास के गांवों के रास्ते बंद हो गए हैं। बीना नदी और रहली से निकली सुनार नदी में जलस्तर बढ़ गया है। सागर के बंडा में वार्ड क्रमांक 9 में स्थित भरत बिलानी का मकान बारिश के चलते भरभराकर गिर गया।
जबलपुर में नर्मदा रौद्र रूप  
जबलपुर में 6.2 इंच बारिश हो चुकी है। रांझी बिलहरी सहित अनेक स्थानों में भारी बारिश के कारण दर्जनों पेड़ भी टूट गए हैं। बरगी डैम के 17 गेट खुलने से नर्मदा रौद्र रूप में आ गई है। ग्वारीघाट में बनी दुकानें डूब गई हैं। करमचंद चौक के पास एक जर्जर मकान गिर गया। घर में फंसे 7 लोगों को निकाला गया है।
सुनार नदी पर बना पुल डूबा
दमोह में दमोह-पथरिया मार्ग पर सुनार नदी पर बना पुल डूब गया है। आवागमन बंद हो गया है, लोग रेलवे पुल से आ रहे हैं। नदी किनारे के करीब आधा दर्जन से अधिक गांवों के कुछ घरों में पानी भर गया है। मडियादो क्षेत्र के पाली गांव में रहने वाला बंधु यादव नाम का एक युवक रात में पानी के तेज बहाव में बह गया है, जिसकी तलाश की जा रही है। जिले में बीते 24 घंटे में 104 एमएम बारिश दर्ज की गई है, जो इस साल के मानसून में हुई बारिश का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
कलेक्टर के बंगले में घुसा पानी
रायसेन जिले में नदी-तालाब उफान पर हैं। चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। शहर सहित जिलेभर में हो रही मूसलाधार बारिश से सभी रास्ते बंद हो गए हैं। रायसेन में हालात यह है कि निचली बस्तियों सहित कलेक्टर का बंगला, तहसील, एसडीएम कार्यालय में पानी भर गया है। शहर के मुख्य बाजार, नगर पालिका भवन के सामने लगभग तीन फीट पानी तक पानी है। यह मार्ग बंद कर दिया गया है। कई दुकानों में भी पानी भर गया है। मूसलाधार बारिश के साथ चली आंधी से शहर में कई पेड़ धराशाई हो गए। इससे बिजली के तार भी टूट गए हैं। सुबह से ही बिजली सप्लाई बंद है।