नई दिल्ली. हाल ही में कोरोना की दूसरी लहर ने काफी आतंक मचाया था. एक दिन में रिकॉर्ड मामले सामने आने के अलावा कई लोगों की जान तक चली गई. वहीं, लोग जब कोरोना से ठीक हुए तो उनके ऊपर ब्लैक फंगस का खतरा मंडराने लगा.
कई लोगों की जान कोविड के बाद ब्लैक फंगस की वजह से चली गई. केंद्र सरकार ने जानकारी दी है कि कोरोना की दूसरी लहर में ब्लैक फंगस के 40 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं. इससे पहले मिलने वाले ब्लैक फंगस के मामलों की तुलना में यह संख्या काफी अधिक है.
सरकार के आंकड़ों के अनुसार, दूसरी लहर के ब्लैक फंगस के देश में कुल 40,845 मामले मिले हैं, जिसमें से 31,344 केस रहिनो सेरेब्रल नेचर के हैं. ब्लैक फंगस से मरने वालों की संख्या 3,129 हो गई है. 34,940 मरीजों को कोविड-19 था, जबकि 26,187 मरीजों को डायबिटीज था.
इसके अलावा, 21,523 ऐसे मरीज भी मिले, जिन्होंने स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल किया था. 13,083 मरीज 18-45 आयु वर्ग के थे. 17,464 लोगों की उम्र 45-60 साल के बीच में थी, जबकि 10,082 लोग बुजुर्ग थे और उनकी उम्र 60 से अधिक थी.
बता दें कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर में अप्रैल-मई महीने में कई मामले सामने आए थे. देशभर के कई अस्पतालों में ऑक्सीजन, बेड्स आदि की किल्लत हो गई थी, जिसके चलते लोगों की जान चली गई थी. हालांकि, बाद में धीरे-धीरे मामले कम होते गए. देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 46,148 मामले पाए गए हैं.
उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली आदि में ब्लैक फंगस के मामलों में बढ़ोतरी होने के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों से इसे महामारी घोषित करने की अपील की थी. इसके बाद विभिन्न राज्यों ने इसे महामारी घोषित कर दिया था. आमतौर पर यह फंगल इंफेक्शन मिट्टी, पौधे, सड़े हुए फलों और सब्जियों में मिलते हैं. ब्लैक फंगस सीधे साइनस, दिमाग, फेफड़ों, आंखों पर असर डालते हैं. कई एक्सपर्ट्स ने दावा किया था कि कोरोना काल में ठीक तरीके से स्टेरॉइड्स न लेने की वजह से ब्लैक फंगस का खतरा उत्पन्न हो रहा है.
credit- aajtak.in
देश / विदेश
ब्लैक फंगस का खतरा : दूसरी लहर में सामने आए 40 हजार से ज्यादा केस
- 28 Jun 2021