ओरछा मंदिर में रोज 1000 श्रद्धालुओं को ही एंट्री; महाकाल में ऑनलाइन प्री-बुकिंग के बाद ही एंट्री देने की तैयारी
भोपाल। कोरोना की रफ्तार बढऩे के साथ ही मंदिरों में भक्तों की संख्या कम करने का दबाव बढ़ रहा है। ओरछा मंदिर में सिर्फ एक हजार भक्तों को रोजाना एंट्री मिलेगी। सुबह 500 और शाम को 500 भक्त राजराजा के दर्शन कर सकेंगे। दर्शन के लिए ऑनलाइन पंजीयन की व्यवस्था की गई है। उज्जैन महाकाल मंदिर में भी व्यवस्था बदलने की तैयारी चल रही है। एक-दो दिन में मंदिर में ऑनलाइन प्री-बुकिंग से ही दर्शन के आदेश जारी हो सकता है। दतिया में शनिवार-रविवार को सुबह 9 से शाम 5 बजे तक ही पट खुलेंगे।
ओरछा मंदिर में भक्तों की संख्या फिक्स
निवाड़ी कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी ने श्री रामराजा मंदिर ओरछा में बदली व्यवस्था को लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश में 7 बिंदुओं को शामिल किया गया है। पंजीयन क्रड्डद्वक्रड्डद्भड्डञ्जद्गद्वश्चद्यद्ग ्रश्चश्च या मंदिर की अधिकृत वेवसाइट
रामराजा मंदिर में यह नया नियम
मंदिर में दर्शन के लिए दर्शनार्थियों की संख्या प्रतिदिन 1000 तक सीमित कर दी गई है।
मंदिर में प्रवेश उन्हें ही मिलेगा, जो 48 घंटे पूर्व की कोविड-19 रैपिड टेस्ट या क्रञ्जक्कष्टक्र टेस्ट की रिपोर्ट या फिर वैक्सीनेशन के दोनों डोज का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेगा।
मंदिर सुबह 9 बजे से दोपहर साढ़े 12 बजे और शाम 7 बजे से 9 बजे तक दर्शनार्थियों के लिए खुलेगा, दोनों ही समय 500-500 लोगों को एंट्री दी जाएगी।
दर्शनार्थियों को दर्शन के लिए ऑनलाइन पंजीयन करवाना जरूरी होगा। दर्शनार्थियों को कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए मास्क लगाना जरूरी होगा। मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही एंट्री मिलेगी।
मंदिर में विशेष दर्शन व्यवस्था प्रतिबंधित कर दी गई है, विशेष परिस्थितियों में कलेक्टर या मंदिर प्रबंधक की अनुमति से ही यह सुविधा प्रदान की जा सकेगी।
मंदिर पहले की तरह ही खुला रहेगा, लेकिन दर्शन व्यवस्था तय समय तक ही रहेगी। इसके बाद पुजारी और मंदिर कर्मचारी ही मंदिर में रहकर आपना काम करेंगे।
महाकाल में दर्शन का समय सीमित होगा
उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए मंदिर में दर्शन का समय सीमित करने और प्री-बुकिंग के आधार पर प्रवेश देने की व्यवस्था शुरू हो सकती है। सोमवार या मंगलवार को कोरोना संक्रमण को लेकर क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक संभावित है। जिसमें महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर बड़ा फैसला हो सकता है। कोरोना की पहली व दूसरी लहर के दौरान भी कोरोना संक्रमितों की संख्या बढऩे के बाद बड़े मंदिरों में सीमित समय में प्री बुकिंग के आधार पर ही दर्शन व्यवस्था लागू की गई थी।
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा, महाकाल मंदिर समेत अन्य मंदिरों के लिए गाइडलाइन बनाई जाएगी। धर्मस्थलों तक कोरोना नहीं पहुंचे इसके इंतजाम किए जाएंगे। एक दो दिन में इस संबंध में फैसला लिया जा सकता है।
पीतांबरा पीठ: शनि-रवि को सुबह 9 से शाम 5 बजे तक खुलेंगे पट
कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए प्रशासन ने सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। पीतांबरा मंदिर के दर्शन के समय में भी बदलाव कर दिया गया है। शनिवार और रविवार को अब मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए सुबह 9 बजे खुलेंगे और शाम 5 बजे तक बंद हो जाएंगे।
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