Highlights

मुरैना

भगवान को भी नहीं बख्शा चोरों ने, मंदिर से दान पेटी तोड़ 50 हजार ले गए चोर

  • 29 Jun 2022

मुरैना। मुरैना में चोरों ने भगवान को भी नहीं बख्शा। चोर आधी रात को मंदिर में रखी दान पेटी तोड़कर उसमें रखे लगभग पचास हजार रुपए चुरा ले गए। यह घटना शहर के बीचो-बीच पुरानी कलेक्ट्रेट व सीएसपी ऑफिस के ठीक सामने घटी है। घटना की रिपोर्ट कोतवाली थाने में महंत द्वारा करा दी गई है।
बता दें, कि पुरानी कलेक्ट्रेट व सहीएसपी ऑफिस के ठीक सामने तपसी बाबा का गुफा मंदिर बना हुआ है। यह सड़क से लगा हुआ है। आधी रात के बाद दो चोर वहां पीछे के रास्ते से घुसे। घुसने के बाद वे पहले वे ऊपर कमरे में सो रहे कथावाचक के कमरे में गए। वहां उन्हें कुछ नहीं मिला। उसके बाद वे नीचे आए और मंदिर की दानपेटी को उठाकर ले गए। मंदिर की दानपेटी को वे उठाकर छत पर ले गए। वहां उन्होंने उसका ताला तोड़ा और उसमें मौजूद लगभग पचास हजार रुपए चुरा ले गए। सबसे खास बात यह है कि चोर पीछे के गेट से आए और सामने के गेट का ताला तोड़कर निकल गए लेकिन किसी ने नहीं देखा, जबकि मंदिर के ठीक सामने पुरानी कलेक्ट्रेट हैं जहां सीएसपी कार्यालय बना हुआ है। वहां पुलिस की गश्त नहीं थीं। अगर गश्त होती तो चोर पकड़े जाते।
सीसी टीवी कैमरे में कैद चोरों का चेहरा
जिस समय चोर अन्दर घुस रहे थे तथा चोरी की वारदात को अंजाम दे रहे थे। उनकी यह सारी करतूत मंदिर के बगल में मौजूद दुकानों के सीसी टीवी कैमरे में कैद हो गई। दोनों चोरों के चहरे खुले थे। पुलिस उनको खोजने में लगी है।
मुरैना से भी पहले का हैं यह मंदिर
जानकारों की माने तो यह मंदिर तब का है जब मुरैना शहर भी नहीं बसा था। तपसी नाम के एक तपस्वी बाबा यहां मंदिर में बने बरगद के पेड़ के नीचे तपस्या किया करते थे। उस समय मुरैना शहर अधिक नहीं बसा था। उसके बाद यहां मंदिर का विस्तार हुआ और उसकी धर्मशाला बन गई। मंदिर के आस-पास दुकानें बन गईं। इस समय मंदिर में महंत मदनमोहन शरण व उनका चेला शिवचरण रहते हैं। दोनों गुरु चेला इस मंदिर की देखभाल करते हैं।
दुकानदारों से मनमुटाव
पुलिस की माने तो मंदिर के आस-पास मौजूद दुकानदार नहीं चाहते हैं कि यह मंदिर यहां रहे, लिहाजा इसी बात को लेकर उनका मंदिर के महंत से मनमुटाव रहता है। इससे पहले भी एक बार चोरी हुई थी जिसमें चोर को बाबाओं ने पकड़ लिया था। बाद में मारपीट करके छोड़ दिया था, पुलिस में रिपोर्ट नहीं लिखाई थी।