मुंबई। महाराष्ट्र के अमरावती में 1 अगस्त 1913 को जन्में अभिनेता भगवान दादा (Bhagwan Dada)को भले ही आज की युवा पीढ़ी न जानती हो, लेकिन एक वक्त ऐसा था, जब उनका सिक्का चलता था। भगवान दादा अपनी दमदार एक्टिंग के साथ ही अपने स्वैग के लिए जाने जाते थे। भगवान दादा का असली नाम भगवान अभाजी पलव था, लेकिन बाद में उन्हें भगवान, मास्टर भगवान और भगवान दादा के नाम से पुकारा जाने लगा था। भगवान दादा अपने वक्त के सबसे अमीर एक्टर्स में से एक थे और सिर्फ एक्टिंग ही नहीं बतौर निर्देशक, लेखक और निर्माता भी उन्होंने दम दिखाया था। भगवान दादा करीब 1931 से 1996 तक, यानी करीब 65 साल सिनेमा में सक्रिय रहे। बर्थ एनिवर्सी पर आपको बताते हैं भगवान दादा की जिंदगी के बारे में...
शूटिंग में असली नोट
भगवान दादा अपने हिसाब से ही सारे काम करते थे। ऐसे में कहा जाता है कि एक बार उन्होंने शूटिंग सेट पर नोटों की बारिश करवा दी थी। दरअसल आज तक की एक रिपोर्ट के मुताबिक फिल्म के एक सीन में पैसों की बारिश दिखानी थी। ऐसे में भगवान दादा ने इस सीन के लिए असली नोटों का इस्तेमाल किया था। बता दें कि इस फिल्म के प्रोड्यूसर खुद भगवान दादा थे। भगवान दादा के बारे में ये भी कहा जाता है कि वो कारों के बहुत शौकीन थे। उनके पास सात कारें थीं और वो हर दिन अलग कार से शूटिंग सेट पर जाते थे। वहीं 'शेवरले'फिल्म में भी काम उन्होंने सिर्फ अपने कार के लिए प्रेम की वजह से किया था।
ललिता पवार को जड़ा था थप्पड़
ललिता पवार की बॉयोग्राफी ‘द मिसिंग स्टोरी ऑफ ललिता पवार’ में भी भगवान दादा से जुड़ा एक किस्सा है। दरअसल 1934 में रिलीज हुई फिल्म 'हिम्मत-ए-मर्दा' के एक सीन में भगवान दादा को ललिता पवार को थप्पड़ मारना था और भगवान दादा ने उन्हें ऐसा थप्पड़ रसीदा कि वो वो डेढ़ दिन तक कोमा में रही थीं। इतना ही नहीं एक्ट्रेस की दाहिनी आंख इस कारण से छोटी हो गई थी। वहीं इसके बाद से ही ललिता ने निगेटिव रोल करना शुरू किया था, हालांकि भगवान दादा को ताउम्र इस बात का शिकवा रहा था।
मनोरंजन
भगवान दादा बर्थ डे - शूट में करवाई थी असली नोटों की बारिश
- 01 Aug 2022