: जबलपुर । अयोध्या का राममंदिर, चंद्रपुर की काठ, देश भर के कलाकार, रामलला के ठाट... जी हां, कुछ ऐसी ही भव्यता समाई है अयोध्या के राममंदिर निर्माण में। मंदिर निर्माण के लिए लगने वाली सारी लकड़ी चंद्रपुर जिले के जंगलों से रवाना हो रही है। यहां की लकड़ी का चुनाव श्री राम मंदिर निर्माण समिति के जिम्मेदारों ने किया। इसके लिए बकायदा अयोध्या के राम मंदिर से आई विशेषज्ञों की एक टीम ने वहां के वन विभाग को लकड़ी के लिए मांग पत्र सौंपा। शुरुआत में 32 घन फिट लकड़ी को रवाना भी किया जा चका है। इससे पूर्व चंद्रपुर में भव्य काष्ठ-पूजन का आयोजन हुआ। इस आयोजन को भव्यता प्रदर्शन करने देश भर से लोक कलाकारों को बुलाया गया। इनमें संस्कारधानी के भी 30 कलाकार शामिल रहे।
श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य 2024 तक पूरा होना है। इसलिए प्रत्येक स्तर पर तैयारियां भी जोर-शोर से चल रही हैं। बताया जा रहा है कि श्री राम मंदिर के निर्माण में जितनी भी और जिस आकार की लकड़ी लगना है वो चंद्रपुर और गढ़चिरौली के जंगल से जाएगी। लकड़ियों के पहले लाट की रवानगी हो चुकी है। लकड़ी हिन्दु-आस्था के सबसे बड़े केंद्र श्री राम मंदिर के निर्माण में उपयोग की जानी हैं, इसलिए चंद्रपुर में भव्य काष्ठ-पूजन समारोह का आयोजन हुआ।
देश भर से आए लोक कलाकार
इस आयोजन में उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र सरकार के अनेक मंत्री शामिल रहे, साथ ही देश के विभिन्न राज्यों से लोक कलाकारों की 57 टीमों को आमंत्रित किया गया। इनमें जबलपुर से लोकनृत्य के निर्देशक संजय पांडे एवं इंद्र पांडे के निर्देशन में लोक राग समिति एवं इंद्रलोक परफॉर्मिंग आर्ट संस्था के 30 कलाकारों का एक दल शामिल हुआ। जबलपुर के अलावा छिंदवाड़ा, सीधी, मालवा, निमाड़ से भी लोक-कलाकारों की टीमें शामिल हुईं। सभी कलाकारों ने भगवान श्री राम और अवध से संबंधित विषयवस्तु पर अपनी प्रस्तुतियां दीं। इस काष्ठ पूजन को विजयादशी की तरह आयोजित किया गया।
1855 घन फिट का मांग-पत्र
जो लकड़ी रवाना की जा रही है वो सागौन की है। सागौन देश के कोने-कोने में होता है, लेकिन जलवायु और भूमि की आंतरिक संरचना के चलते गढ़चिरौली और चंद्रपुर के सागौन की गुणवत्ता सर्वाधिक होती है। इसलिए राम मंदिर निर्माण समिति के विशेषज्ञाें ने यहां के सागौन को वरीयता दी औरविन विभाग को 1855 घन फिट लकड़ी का मांग-पत्र सौंपा। 32 घन फिट लकड़ी रवाना भी की जा चुकी है।
पूरे देश की सहभागिता तय करने का प्रयास
लकड़ी मध्य भारत से मंगाने का एक बड़ा कारण भावनात्मक भी है। श्री राम सभी के हैं, लेकिन मंदिर अयोध्या में बनना है। ऐसे में मंदिर निर्माण में देश के सभी क्षेत्राें की सहभागिता मंदिर के प्रति लोगों की आस्था को दृढ़ कर सकेगी।
जबलपुर से शमिल हुए ये कलाकार
चंद्रपुर में आयोजित काष्ठ-पूजन समारोह में शहर के सुदामा चौधरी, प्रेम श्रीवास्तव, राजकुमार बेन, शीतल विनोदिया, कमलेश सिंगरहा, प्रशांत गहरवार, विशाल विश्वकर्मा, अनिल राजपूत, सुरेश धुर्वे, घनश्याम चौहान, कविता पांडे, दिशा जैन, तृप्ति कोष्टा, दीक्षा मेहरा, दीपल तिवारी, राधा बर्मन, रिद्धि शुक्ला, अनुश्री सेन, स्नेहा श्रीवास, पलक तिवारी आदि ने अपनी प्रस्तुतियां दीं।
जबलपुर
भगवान श्रीराम के गर्भगृह में लगेगी चंद्रपुर-गढ़चिरौली के जंगलों के सागौन की लकड़ी
- 03 Apr 2023