संस्था मालावमंथन द्वारा नैनोद गांव के मुक्तिधाम में पौधारोपण
इंदौर। महाशिवरात्र पर्व पर धार्मिक अनुष्ठान तो हर ओर हो रहे हैं पर शहर की एक संस्था द्वारा इस महापर्व पर पर्यावरण और लोकोपकार के क्षेत्र में भी कदम बढ़ाते हुए अनूठी पहल की है। मान्यता है कि यदि शवयात्रा बिल्वपत्र के वृक्ष की छांव से होकर गुजरे तो मृतक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। महापर्व और बिल्वपत्र की महत्ता लिए संस्था मालावमंथन द्वारा नैनोद गांव मुक्तिधाम परिसर में पौधारोपण किया गया। इस अभियान के तहत मुक्तिधाम में बिल्वपत्रों एवं औषधीय पौधों का रोपण किया गया।
इस अवसर पर अपने आरोग्य संवाद में पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य कर रहे स्वप्निल व्यास ने कहा कि भगवान शब्द पांच अक्षरों से मिलकर बना है। इसमें भ से भूमि, ग से गगन, व से वायु, अ से अग्नि एवं न से नीर तत्व शामिल है। अर्थात् प्रकृति के पंच तत्व ही भगवान हैं भगवान शिव का निवास स्थान और तपोस्थली कैलाश पर्वत है। पर्वतों पर ही प्रकृति के सभी तत्व अर्थात् पर्यावरण, पारिस्थितिकी एवं जैव विविधता के सभी कारक विद्यमान रहते हैं। इसलिए इनकी सुरक्षा एवं संरक्षण करने के लिए हमें प्रयास करना होंगे। संभावित रूप से इसलिए ही भगवान शिव ने कैलाश पर्वत पर वास किया।
इंदौर
भगवान शिव देते हैं प्रकृति के संरक्षण का संदेश
- 02 Mar 2022