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बाबा पंडित

भय का नाश करती हैं मां कात्यायनी

  • 11 Oct 2021

नवरात्रि के षष्ठी तिथि पर आदिशक्ति दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा करने का विधान है। महर्षि कात्यायनी की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति ने उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया था। इसलिए वे कात्यायनी कहलाती हैं। नवरात्रि के छठे दिन इनकी पूजा और आराधना होती है। माता कात्यायनी की उपासना से आज्ञा चक्र जाग्रृति की सिद्धियां साधक को स्वयंमेव प्राप्त हो जाती हैं। वह इस लोक में स्थित रहकर भी अलौलिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है तथा उसके रोग, शोक, संताप, भय आदि सर्वथा विनष्ट हो जाते हैं।
नवरात्र की षष्ठी तिथि यानी छठे दिन माता दुर्गा को शहद का भोग लगाएं ।इससे धन लाभ होने के योग बनने हैं ।