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भोपाल जेल में भूख हड़ताल कर रहे दो आतंकी बेहोश

  • 20 Oct 2023

होश में आने पर ड्रिप निकाल फेंकी, डॉक्टरों से कहा-हाथ मत लगाना
भोपाल। भोपाल सेंट्रल जेल के हाई सिक्योरिटी सेल में रखे गए स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट आॅफ इंडिया (सिमी) के चार आतंकी भूख हड़ताल पर अड़े हैं। उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही है। बुधवार शाम अबु फैसल और कमरुद्दीन बेहोश हो गए। डॉक्टरों ने उन्हें ड्रिप से ग्लूकोस दिया। देर रात होश में आते ही उन्होंने हाथ में लगी ड्रिप निकाल दी। डॉक्टर से हाथ लगाने के लिए मना कर दिया। जेल प्रशासन ने इनको अस्पताल में भर्ती कराने के लिए राज्य शासन को पत्र लिखा है।
भूख हड़ताल कर रहे आतंकियों में दो शिवली और कमरुद्दीन को कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। वहीं, अबु फैसल और कामरान आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। ये जेल में न्यूज पेपर, लाइब्रेरी, सामूहिक नमाज और घड़ी देने की मांग कर रहे हैं। पहले चारों आतंकियों को लिक्विड डाइट दी जा रही थी। अब इन्होंने इसे भी लेना बंद कर दिया है।
डॉक्टरों का सहयोग नहीं कर रहे आतंकी-
जेलर सरोज मिश्रा का कहना है कि आतंकी डॉक्टरों का सहयोग नहीं कर रहे हैं। हाथ लगाने भर से ही भड़क जाते हैं। ड्रिप भी निकालकर फेंक देते हैं। मिश्रा ने बताया कि इन आतंकियों ने एक-एक कर भूख हड़ताल शुरू की थी। जेल नियमों के हिसाब से चारों ने लिखित में इसकी सूचना दी थी। हमने नियमानुसार उन्हें वॉर्निंग लेटर जारी किया। चारों ने तब भी हड़ताल खत्म नहीं की। हमने आगे की कार्रवाई करते हुए उनकी मुलाकात और चिट्ठी लिखने पर रोक लगा दी। इसके बाद भी उन्होंने भूख हड़ताल खत्म नहीं की।ह्ण
कामरान ने 26 जून को छोड़ा था जेल का खाना
जेल में भूख हड़ताल की ये कहानी शुरू होती है 26 जून 2023 से। इस दिन कामरान ने खाना छोड़ दिया। उसने जेल प्रशासन से कहा कि वो न खाना खाएगा, न पानी पीएगा। कुछ दिन बाद जेल प्रशासन ने कामरान को जेल अस्पताल में शिफ्ट कर दिया। वहां भी उसने वही शर्त रख दी कि वह जेल के किसी कर्मचारी से खाना नहीं लेगा। उसे बाहर के डॉक्टर सुबह 9 से शाम 4 बजे के बीच 4 बार फीड कराएं। जेल का पानी भी नहीं पीएगा। जेल सुपरिंटेंडेंट से उसने कहा कि उसके बारे में जो जानकारी उच्च स्तर पर भेजी गई है, इनसे संबंधित पत्र उसे दिखाए जाएं।
अबु फैसल ने 8 अगस्त को खाना छोड़ दिया। इसके बाद कमरुद्दीन और शिवली ने भी भूख हड़ताल शुरू कर दी। चारों आतंकी वही हैं, जिनके 8 साथियों को 2016 में भोपाल जेल ब्रेक के बाद पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। भूख हड़ताल पर बैठे चारों आतंकियों की मांग जेल प्रशासन सुरक्षा कारणों से खारिज कर चुका है। इसके बावजूद वे जिद पर अड़े हैं।
पहले भी दो बार कर चुके हैं भूख हड़ताल
सिमी आतंकियों ने भोपाल जेल में नवंबर 2020 में भी भूख हड़ताल की थी। तब वे अहमदाबाद जेल जैसी सुविधाओं की मांग कर रहे थे। अहमदाबाद में उन्हें खुले में रहने और आपस में मिलने की सुविधा थी। ये ड्राय फ्रूट्स, दूध और पौष्टिक आहार के साथ चिकन-मटन मांग रहे थे। हालांकि, तब भी जेल प्रशासन ने इनकी मांग खारिज कर दी थी।
इन लोगों ने दूसरी बार 19 फरवरी 2021 को भूख हड़ताल की थी। तब वे एकांत कारावास से बाहर निकलना चाहते थे। उस समय अबु फैसल, कमरुद्दीन, कामरान, सादुली पीए और शिवली ने भूख हड़ताल की थी। तब भी उनकी मांग पूरी नहीं हुई थी।
चर्चा में आने के लिए भूख हड़ताल करते हैं आतंकी
पूर्व एडीजी विजय वाते बताते हैं कि आतंकी चर्चा में आने के लिए ऐसा करते हैं। वे अपने संगठन से जुड़े स्लीपर सेल को कोई संदेश पहुंचाने की कोशिश करते हैं। खंडवा और भोपाल जेल ब्रेक के समय भी इसी तरह से भूख हड़ताल कर इन आतंकियों ने कई सारी सुविधाएं हासिल की थीं। उनका दुरुपयोग जेल ब्रेक के तौर पर सामने आया था। इस बार भी उनकी भूख हड़ताल की मांग के पीछे कोई शरारत छिपी हो सकती है। हालांकि, 2016 भोपाल जेल ब्रेक के बाद से उनकी सुरक्षा तगड़ी कर दी गई है।