भोपाल। दिवाली के बाद से अभी तक प्रदेश के कई शहरों के अदक में गिरावट आई है, मगर भोपाल में इसका कोई असर नहीं देखा गया। भोपाल प्रदेश का सबसे प्रदूषित शहर बना। भोपाल में दिवाली के दिन एक्यूआई 353 अधिकतम रहा था, वो घटकर अभी 322 हो गया है। एक्सपर्ट्स की मानें तो शहर में विंड वैलोसिटी यानी विंड प्रेशर काफी कम है, वहीं ओवर कास्ट कंडीशन के कारण भी डस्ट पार्टिकल और हानिकारक गैसें वायुमंडल में ठहरी हुईं हैं। बता दें, 323 एक्यूआई यानी सीवियर से पहले की स्थिति है। 400 होते ही यह अदक सीवियर में आ जाता है।
धूल के बारीक कणों से हो रहा प्रदूषण
शहर के अदक की बात करें तो पर्यावरण परिसर में मौजूद लाइव मॉनिटरिंग सिस्टम पर गुरुवार 284 अदक था। इसी तरह सुबह टीटी नगर पर अदक 238 दर्ज किया था वहीं, ईदगाह हिल्स और कोहेफिजा इलाके सुबह 322 अदक दर्ज किया था। शाम होते होते 296 पर पहुंच गया। एमपीपीसीबी की रिपोर्ट के अनुसार शहर भर में पीएम 2.5 यानी धूल के बारीक कण से सबसे अधिक प्रदूषण हो रहा है। सभी जगहों पर जो अदक बढ़ रहा है यह इसका मुख्य मुख्य कारण पीएम 2.5 ही है।
कोहरा और सर्दी में इसलिए बढ़ता है प्रदूषण-
पर्यावरण के जानकारों का कहना है कि ठंड के सीजन में आम तौर पर एक्यूआई बढ़ता ही है। ठंड में वाहनों से निकलने वाली हानिकारक गैसें एक्सपेंड नहीं हो पाती व वायुमंडल में ठहरी रहती हैं। जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती है, गैस व धूल के कण वायुमंडल में देर तक ठहरते हैं, इससे एक्यूआई बढ़ता है। इसी के साथ अधिक कोहरे की वजह से भी कई बार वायुमंडल में मौजूद हानिकारक गैसेस डिजॉल्व नहीं हो पातीं हैं।
लगातार ओवरकास्ट कंडीशन के चलते यह स्थिति है। हालांकि टीटी नगर और पर्यावरण परिसर में इसमें गिरावट आई है, विंड प्रेशर जैसे ही बढ़ेगा तो तुरंत इसमें गिरावट आएगी।
ब्रजेश शर्मा, रीजनल मैनेजर, एमपीपीसीबी
भोपाल
भोपाल प्रदेश का सबसे प्रदूषित शहर बना
- 18 Nov 2023