भारतीय महिलाओं की हिस्सेदारी खेल जगत के क्षेत्र में भी बढ़ रही है। कई भारतीय महिला खिलाड़ी अपने अपने क्षेत्र में इतना शानदार प्रदर्शन कर रही हैं कि उनकी रैंकिंग दुनिया की टॉप खिलाड़ियों में शामिल हो गई है। जिन खेलों में अब तक पुरुषों का दबदबा था, वहां भी महिलाएं परचम लहरा रही हैं। हालांकि खेल जगत में महिलाओं के लिए जगह बनाना आसान नहीं था। महिलाओं को हमेशा से ही शारीरिक क्षमता में पुरुषों से कम समझा जाता रहा है। लेकिन क्रिकेट से लेकर बैडमिंटन और मुक्केबाजी से लेकर लंबी कूद तक जैसे खेलों में आज महिलाएं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं और कई विश्व रिकॉर्ड बनाकर देश के लिए पदक जीत रही हैं। चलिए जानते हैं ऐसी ही पांच महिला खिलाड़ियों के बारे में जिन्होंने अपनी शारीरिक क्षमता को बढ़ाते हुए कई संघर्षों को पार करते हुए खेल जगत में विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना ली है।
झूलन गोस्वामी (क्रिकेटर)
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की उपलब्धियां कम नहीं है। वर्तमान में भले ही मिताली राज टीम की कप्तान हों लेकिन उनसे पहले झूलन गोस्वामी भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान रह चुकी हैं। झूलन गोस्वामी की उपलब्धियों के बारे में बात करें तो वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 2000 से ज्यादा ओवर लेने वाली दुनिया की इकलौती गेंदबाज हैं। बंगाल में जन्मी झूलन गोस्वामी के पिता निशित गोस्वामी इंडियन एयरलाइंस में काम करते हैं। झूलन की मां को बचपन में उनका गली में लड़कों संग क्रिकेट खेलना पसंद नहीं था। उनकी धीमी गेंदबाजी पर मोहल्ले के लड़के चौके-छक्के लगाया करते थे। लेकिन झूलन ने अपने प्रदर्शन को बेहतर करके सबको जवाब दिया। एक दिन ऐसा भी आया जब झूलन गोस्वामी महिला वनडे क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज बन गईं। उन्होंने कुल 333 अंतरराष्ट्रीय विकेट लिए हैं।
जमुना बोरो (मुक्केबाज)
जमुना बोरो भारतीय महिला मुक्केबाज हैं। असम के छोटे से कस्बे ढेकियाजुली के पास बेलसिरी गाँव में जमुना बोरो का जन्म हुआ। बोरो जब बच्ची थीं तभी उनके पिता का निधन हो गया। मां बच्चों के पालन पोषण के लिए अकेले खेती करती और चाय व सब्जियां बेचा करती थीं। जमुना ने छोटी उम्र में ही खेल की तरफ रुख किया। तब उनसे कहा जाता कि यह लड़कियों का खेल नहीं। अगर चोट आ गई तो कोई उनसे शादी भी नहीं करेगा। मनोबल गिराने वाली इतनी बातें सुनने के बाद भी जमुना बोरो ने हार नहीं मानी और मुक्केबाजी को ही अपनी करियर बना लिया। वर्तमान में जमुना बोरो 54 किलोग्राम वर्ग में भारत की नम्बर वन मुक्केबाज बन गई हैं। वहीं विश्व रैंक में जमुना टॉप 5 में शामिल हैं। जमुना बोरो वर्ल्ड टॉप 5 और महिलाओं की 54 किलोग्राम वर्ग में देश की नंबर एक मुक्केबाज हैं। जमुना ने ताइपे में विश्व युवा मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में कांस्य पदक, 56वें बेलग्रेड इंटरनेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में 54 किलो वर्ग श्रेणी में रजत पदक जीते हैं।
अंजू बाॅबी जाॅर्ज (लंबी कूद)
अंजू बॉबी जॉर्ज वर्ल्ड चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली इकलौती भारतीय खिलाड़ी हैं। केरल में 19 अप्रैल 1977 को अंजू बॉबी जॉर्ज का जन्म हुआ था। बचपन से ही उनके माता पिता ने अंजू को खेल के लिए प्रोत्साहित किया। परिवार का साथ मिला तो उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक जीते। बाद में उनकी शादी लंबी कूद का राष्ट्रीय चैंपियन रहे रॉबर्ट बाॅबी जाॅर्ज से हुई। अंजू बाॅबी जार्ज भी लंबी कूद की खिलाड़ी हैं। साल 2003 में पेरिस में आयोजित हुए विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में लंबी कूद में अंजू बाॅबी भारत के लिए कांस्य पदक जीता, जिसके बाद वह भारत के लिए पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बन गईं।
तसनीम मीर (बैडमिंटन)
दुनिया भर में बैडमिंटन में पहली रैंक हासिल करने वाली एक भारतीय महिला है। तसनीम मीर नाम की इस महिला बैडमिंटन खिलाड़ी ने अंडर 19 सिंगल्स में विश्व की पहली खिलाड़ी होने का खिताब हासिल किया है। इतना ही नहीं तसनीम मीर से पहले भारत से कोई महिला खिलाड़ी पूरे विश्व में नंबर 1 नहीं बनी थी। गुजरात की रहने वाली 16 वर्षीय तसनीम मीर की बैडमिंटन के अंडर 19 में वर्ल्ड रैंकिंग नंबर 1 है।
हिमा दास (रेसर)
असम के नागौर जिले में जन्मी हिमा दास बचपन में गलियों में फुटबॉल खेला करती थीं। बाद में रेस को बतौर करियर चुनते हुए कड़ी ट्रेनिंग शुरू की और महज 20 साल की उम्र में वह कर दिखाया जो किसी पुरुष खिलाड़ी के लिए भी आसान नहीं। हिमा ने एक महीने में पांच गोल्ड मेडल जीत कर भारत का मान बढ़ाया। भारत की उड़न परी के नाम से मशहूर हिमा दास के परिवार में 17 लोग थे। इतना बड़ा परिवार धान की खेती पर आश्रित था। वह परिवार की मदद के लिए खेतों में बुआई करती थीं। लेकिन जब उनको उड़ने का मौका मिला तो उनके पंखों ने पूरे आसमान को घेर लिया। हिमा दास ने मात्र 19 साल की उम्र में 5 गोल्ड मेडल जीते। हिमा पहली भारतीय महिला एथलीट हैं, जिन्होंने पांच गोल्ड मेडल जीते। आईएएएफ विश्व अंडर 20 चैंपियनशिप में 51.46 सेकंड में यह उपलब्धि अपने नाम की।
साभार अमर उजाला