काबुल। अफगानिस्तान में सत्ता कब्जाने के बाद तालिबान अपनी छवि सुधारने की हर संभव कोशिश कर रहा है। हालांकि, जमीनी स्तर पर यह कोशिशें नाकाम पड़ रही हैं और इसके पीछे तालिबान के अपनों का ही हाथ है। तालिबान ने उदारता दिखाते हुए पिछली सरकार के सभी अधिकारियों और सरकारी मुलाजिमों को माफी देने का ऐलान किया लेकिन उसके अपने लड़ाके ही खून-खराबा मचाकर उसकी भद पिटवा रहे हैं। ये लड़ाके तालिबान के नियंत्रण से बाहर जा चुके हैं और अमेरिका समर्थित पिछली सरकार में रहे अधिकारियों और अन्य विरोधियों को चुन-चुनकर मार रहे हैं।
अफगानिस्तान के टोलो न्यूज के संवाददाता अब्दुल हक ऊमरी देश छोड़ने के लिए अपनी बारी आने का अब तक इंतजार कर रहे हैं। टीओआई की खबर के मुताबिक, 15 अगस्त के बाद से वह काबुल स्थित अपने घर पर एक भी दिन नहीं ठहरे हैं। काबुल पर कब्जे के बाद से ही तालिबान राजनीतिक दुश्मनों को अपना निशाना बना रहा है। पिछली सरकार का समर्थन करने वाले कई आम नागरिकों, सैन्य अधिकारियों को अब तक मौत के घाट उतारा गया है और उन्हें प्रताड़ना दी जा रही है।
तालिबान के शीर्ष नेतृत्व ने काबुल पर कब्जे के कुछ ही समय बाद आम माफी का ऐलान किया था लेकिन जमीन पर मौजूद उसके लड़ाकों की हरकतें अब टॉप लीडरशिप के लिए सरदर्दी बन गई है, जो दुनिया को यह भरोसा दिलाने में लगे हुए हैं कि अब उनकी फितरत बदल गई है।
साभार - लाइव हिन्दुस्तान