राहत यह कि ये पहले से कमजोर, 9,828 सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग में खुलासा
भोपाल। कोविड को लेकर एक बार फिर से सभी को डर सताने लगा है। यह इसलिए भी है कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर को कोई भी अभी तक भूला नहीं है, अनेक लोगों को इस महामारी ने अपनी चपेट में लेकर मौत का शिकार बना लिया था। अब फिर से कोविड के नए वैरिएंट जिस तरह से विदेशों में लोगों को संक्रमित कर रहा है। यदि उस तरह से यहां पर वायरस एक्टिव हुआ तो क्या हालात बनेंगे। हालांकि अभी तक मध्यप्रदेश में नए वैरिएंट का कोई केस सामने नहीं आया है।
मप्र में भले ही कोविड के नए वैरिएंट की एंट्री न हुई हो। लेकिन आज भी यहां पर मध्यप्रदेश में कोविड के 4 वायरस एक्टिव हैं। इससे लोग संक्रमित भी हो रहे हैं। हालांकि पहले की तुलना में ये वायरस कमजोर हुए हैं। दरअसल, पिछले साल 12 महीने में मध्यप्रदेश में 9 हजार 828 सैंपलों की जीनोम सीक्वेसिंग कराई गई। इसमें से 2813 केसों में म्यूटेशन मिला है। 1828 केस वैरिएंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी के हैं। ये हकीकत मध्यप्रदेश स्वास्थ्य संचालनालय द्वारा एम्स भोपाल में कराई गई जीनोम सीक्वेसिंग रिपोर्ट में सामने आई है। मध्यप्रदेश में अभी भी 4 वायरस एक्टिव हैं। इसमें डबल म्यूटेंट, यूके स्ट्रेन (अल्फा ), ट्रिपल म्यूटेंट यानी (डेल्टा), और ओमिक्रॉन है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने बताया कि पिछले साल 13 दिसंबर तक मप्र से 9 हजार 828 सैंपलों को सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया था।
इन सैंपलों की जांच रिपोर्ट में 731 यानी 7.43 त्न में डेल्टा और 79 यानी 1 त्न में अल्फा वैरिएंट निकले हैं। 14 नमूनों में डेल्टा प्लस और ओमिक्रॉन 1004 यानी 10.21 त्न में मिला है। 29 सैंपलों में कोविड का डबल म्यूटेंट मिला है। रिपोर्ट के मुताबिक 1828 में कोरोना के 4 अलग-अलग वैरिएंट मिले हैं जो संक्रमित संैपल का 18.59 त्न है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की चिंता ये है कि बीएफ.7 से जिस तरह से एक से 18 व्यक्तियों को संक्रमित करने की जानकारी सामने आ रही है। ऐसा हुआ तो स्थिति पहले से ज्यादा खराब हो सकती है।
भोपाल
मप्र में कोरोना के 4 वायरस एक्टिव
- 06 Jan 2023