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मशक्कत के बाद दोनों ने दलों ने तय किए पार्षद प्रत्याशी ... अब सता रहा बगावतियों का डर

  • 18 Jun 2022

रूठे दावेदारों को मनाने का भाजपा-कांग्रेस में हो रहा प्रयास
इंदौर। नगरीय चुनाव 2022 के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों को 85 वार्डों पर प्रत्याशी तय करने के लिए खासी मशक्कत करना पड़ी, तब कहीं जाकर प्रत्याशी तय कर दिए गए, लेकिन लेकिन इसके बाद दोनों दलों को भितरघातियों और बगावतियों का डर सता रहा है। दरअसल चिंता इस बात की भी है कि यदि दावेदारों को टिकट नहीं दिया गया वे बगावत कर सकते हैं और यह बगावत चुनाव में नुकसान पहुंचा सकती है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ के नए फरमान के बाद लगभग सैकड़ों पार्षद पद के दावेदारों के अरमान आंसूओ में बह गए। पार्षद का चुनाव लडऩे के लिए शहर कांग्रेस के पास लगभग सभी 85 वार्डो से लगभग 1 हजार से भी ज्यादा दावेदारों के आवेदन व बायोडाटा प्राप्त हुए थे, लेकिन जब इन आवेदनों की स्क्रूटनी की गई तो 800 दावेदार बाहर हो गए थे।  जो जिस वार्ड में रहता है और उस वार्ड का मतदाता है उसी को पार्षद का टिकिट मिलेगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ इस फरमान के बाद पार्टी में खलबली मच गई थी।
उधर, भाजपा में भी पार्षद पद के प्रत्याशी चयन को लेकर काफी उठापटक के बाद आखिरकार शुक्रवार को नाम फाइनल कर दिए गए। दोनों दलों में एक-एक वार्ड से अनेक नेताओं व कार्यकर्ताओं ने अपनी-अपनी दावेदारी जताई थी। जब दोनों दलों की सूची फाइनल हुई और दावेदारों के नाम नहीं आए तो वे नाराज हो गए और कांग्रेस की तरह ही भाजपा में भी पहली बार असंतोष सड़क पर दिखाई दिया। कुछ कार्यकर्ताओं ने तो प्रदर्शन भी किया। अब दोनों दलों को इस बात की चिंता है कि कहीं कोई नेता या कार्यकर्ता बगावत न कर दें। इसके चलते दोनों दलों के नेता रूठों को मनाने का प्रयास कर रहे हैं।