Highlights

उज्जैन

महाकाल मंदिर में पुरा अवशेषों का अध्ययन,  जल्द बन सकता है शैव दर्शन का शोध केंद्र

  • 11 Jun 2022

उज्जै अयोध्या में पुरातत्व अवशेषों का अध्ययन कर श्रीराम मंदिर होने के प्रमाण प्रस्तुत करने वाले प्रसिद्ध पुराविद केके मोहम्मद शुक्रवार को महाकाल मंदिर पहुंचे। उन्होंने पुरातत्व आयुक्त शिल्पा गुप्ता के साथ मंदिर के समीप खोदाई में निकले एक हजार साल पुराने शिव मंदिर का निरीक्षण किया। बताया जाता है कि ज्योतिर्लिंग महाकाल जल्द ही धर्म, संस्कृति, स्थापत्यकला के साथ शैव दर्शन के शोध केंद्र के रूप में विकसित होगा।
करीब एक साल पहले महाकाल मंदिर के समीप नवनिर्माण के लिए की जा रही खोदाई में एक हजार साल पुराना शिव मंदिर प्राप्त हुआ था। इसके बाद मध्य प्रदेश पुरातत्व विभाग ने खोदाई स्थल को अधिग्रहित कर इस स्थान पर विशेषज्ञों की देखरेख में खोदाई शुरू कराई थी।
लगातार खोदाई में मंदिर का आधार भाग, स्तंभ, आमलक, माता चामुंडा, गणेश तथा एक हजार साल पुराना शिवलिंग प्राप्त हुआ था। शुंग व कुषाण काल के पात्र अवधेश तथा अस्थियों के टुकड़ों को भी पुराविदों ने सहजकर रखा था। मंदिर प्राप्त होने के बाद से साधु-संत तथा प्रबुद्धजन इस स्थान पर शैव दर्शन का शोध केंद्र स्थापित करने की मांग कर रहे थे।
ड्राइंग, डिजाइन व डीपीआर तैयार करने के निर्देश
उधर, पुरातत्व आयुक्त शिल्पा गुप्ता ने महाकाल मंदिर समिति, स्मार्ट सिटी तथा उज्जैन विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से भी चर्चा की। जिस स्थान पर पुरातन मंदिर स्थित है, उसके आसपास उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा निर्माण कार्य कराया जा रहा है। इसलिए भौतिक सत्यापन में उस स्थान का भी चयन किया गया, जहां पर शोध मंदिर व पिलर आदि खड़े करने हैं। बताया जाता है आयुक्त ने विभाग प्रमुखों को शोध मंदिर की डिजाइन तथा डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए हैं।