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उज्जैन

महाकाल लोक की सभी मूर्तियों की मरम्मत

  • 10 Jul 2023

गुजरात-यूपी के एक दर्जन कारीगर कर रहे काम; लोहे की रॉड डाल रहे ताकि आंधी में नहीं गिरे
उज्जैन। उज्जैन के महाकाल लोक में लगीं सभी मूर्तियों की मरम्मत की जा रही है। गुजरात के करीब एक दर्जन कारीगर मूर्तियों को मजबूती देने में जुटे हैं। सभी मूर्तियों को पैडस्टल से निकालकर अंदर लोहे की रॉड डाली जा रही है, ताकि आंधी-पानी के कारण मूर्तियां नहीं गिरें।
बता दें कि 28 मई को तेज आंधी के कारण यहां लगी सप्तऋषियों की 6 मूर्तियां गिर गई थीं। इसके बाद महाकाल लोक में निर्माण को लेकर सवाल उठे थे। कांग्रेस ने भी महाकाल लोक निर्माण में हुए भ्रष्टाचार को लेकर बीजेपी सरकार में हुए काम को लेकर प्रदर्शन किया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गिरी सभी 6 मूर्तियों को नई लगाने की बात कही थी।
ताकि बारिश में मूर्तियों को नहीं पहुंचे नुकसान-
मध्यप्रदेश में मानसूनी बारिश जारी है। ऐसे में महाकाल लोक में लगी मूर्तियों को नुकसान नहीं पहुंचे इसलिए स्मार्ट सिटी द्वारा मूर्तियों को मजबूती देने का काम करवाया जा रहा है। गुजरात और यूपी के करीब एक दर्जन कलाकार इस काम में लगे हैं। शुक्रवार से काम शुरू भी हो गया है।
इसके लिए फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक (एफआरपी) से बनी मूर्तियों को अपनी जगह से निकालकर पिनाकी द्वार के पास रखा गया है। बड़ी मूर्तियों को क्रेन की मदद से पैडस्टल से निकाला जा रहा है। मूर्तियों के अंदर लोहे की दो बड़ी रॉड डाली जा रही हैं। इसके बाद वेल्डिंग कर मजबूती दी जा रही है। कारीगरों का कहना है कि इससे मूर्तियां मजबूत हो जाएंगी। आंधी-तूफान सहन कर सकेंगी। इससे मूर्तियों को नुकसान नहीं होगा।
एक महीने का दिया गया टारगेट-
स्मार्ट सिटी के इंजीनियर नीरज पांडे ने बताया कि एक-एक कर सभी मूर्तियों को मजूबती दी जाएगी। इसके लिए कंपनी को एक महीने का टारगेट दिया गया है। शुरूआत में बड़ी और लंबी मूर्तियों पर काम किया जा रहा है। उसके बाद छोटी मूर्तियों को भी मजबूती दी जाएगी। पहले दिन महाकाल लोक में लगी कार्तिकेय की मूर्ति, माता पार्वती की गोद में बैठे गणेश और कार्तिकेय, रावण, गणेश समेत पिनाकी की मूर्तियों को ठीक किया जा रहा है। महाकाल लोक में करीब 200 मूर्तियां लगी हैं।
मरम्मत का खर्च मूर्ति बनाने वाली कंपनी ही उठाएगी-
मूर्तियों की उम्र 10 साल है। मूर्ति बनाने वाली गुजरात की एमपी बाबरिया कंपनी की राशि सिक्योरिटी के रूप में प्रशासन के पास है। सभी मूर्तियां डिफेक्ट लायबिलिटी में हैं। कंपनी सप्तऋषि की नई मूर्तियां बनाकर देगी, लेकिन बाकी मूर्तियों को मजबूती का खर्च कंपनी उठाएगी।