रतलाम। शहर के जवाहर नगर स्थित मुक्तिधाम में भगवान शिव का अनोखा मंदिर बन रहा है। मुक्तिधाम में शव आते ही यहां विराजित भगवान भोले की प्रतिमी की जटाओं से गंगाजल निकलेगा और उस गंगाजल से शव का स्नान होगा। यह प्रदेश का पहला ऐसा मंदिर होगा इसमें भगवान शिव की जटा से निकलने वाली गंगा की धाराओं से शव का स्नान होकर शव को पवित्र करेगा। समिति के पदाधिकारियों का दावा है प्रदेश के अलावा राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र में इस प्रकार का मंदिर नहीं है।
हर मुक्तिधाम में भगवान शिव विराजित रहते हैं। जवाहर नगर स्थित मुक्तिधाम 50 साल से भी ज्यादा पुराना होकर यहां भगवान शिव की स्थापना नहीं हुई है। अब भगवान शिव की प्रतिमा के साथ ही शिवलिंग व पूरे शिव परिवार की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है। मंदिर का निर्माण होकर महाशिवरात्रि 1 मार्च 2022 में प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। जन सहयोग से निर्माण होने वाले इस मंदिर में लगभग 8 लाख रुपए का खर्च आएगा।
पांच फीट की भोले की प्रतिमा स्थापित करेंगे
जवाहर मुक्तिधाम में प्रवेश करते ही बड़ के पेड़ के पास ही मंदिर का निर्माण हो रहा है। 15 बाय 18 की साइज में निर्माण हो रहे मंदिर में नंदी महाराज सहित शिव परिवार विराजित होगा। साथ ही सवा पांच फीट की भोले की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। यह प्रतिमाएं जयपुर से मंगवाई जाएगी। भगवान भोले की जटा से गंगाजल की बौछारे निकलेगी और वह मुक्तिधाम में आने वाले शव को स्नान कराते हुए पवित्र करेगी। जमीन से 25 फीट ऊंचाई तक बन रहे इस मंदिर का निर्माण शहर के कारीगरों द्वारा बनाया जा रहा है। इसमें ग्रेनाइट का उपयोग किया जाएगा। मंदिर के पास 1000 लीटर पानी का हौज बनाएंगे। दो हार्स पावर की मोटर लगाई जाएगी। जिसका कनेक्शन भोले की जटाओं के साथ होगा। मुक्तिधाम में शव आते ही मोटर चालू की जाएगी जिससे भोले की जटा से गंगाजल निकलेगा।
15 साल पहले यमुना नदी तट पर देखा था
जवाहरनगर मुक्तिधाम समिति अध्यक्ष पंडित शैलेंद्र शर्मा ने बताया लगभग 15 साल पहले परिचित के यहां निधन होने पर आगरा गया था, जहां यमुना नदी तट पर भगवान भोले का मंदिर देखा था। उसी मंदिर को देखकर कभी से शहर में इस प्रकार के मंदिर के निर्माण की योजना दिमाग में बन रही थी। उसी तर्ज पर प्रयास करते हुए जन सहयोग से मंदिर का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। 1000 लीटर पानी के हौज में गंगाजल मिलाने के लिए रेलवे के अधिकारियों से बात हो गई है। साल में तीन-चार बार व्यक्ति हरिद्वारा जाएगा और वहां से गंगाजल लेकर आएगा। सालभर में 100 लीटर गंगाजल लगेगा।
रतलाम
मुक्तिधाम में बनेगा प्रदेश का पहला ऐसा मंदिर जहां शव को गंगाजल से स्नान कराएंगे
- 10 Dec 2021