भोपाल। मेंटेनेंस और रिपेयरिंग के नाम पर घंटों की बिजली कटौती होना आम बात है, लेकिन मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ये काम 100त्न नहीं करती। इसका खुलासा विद्युत नियामक आयोग की खुदरा टैरिफ की सत्यापन याचिका में हुआ है। इसमें बताया गया कि वित्त वर्ष 2019-20 में आयोग ने बिजली कंपनी को भोपाल सहित 16 जिलों में रिपेयरिंग और मेंटेनेंस के लिए 233 करोड़ रु. दिए थे। लेकिन आपको हैरानी होगी कि कंपनी ने इसमें से सिर्फ 85.31 करोड़ रु. (करीब 36.4त्न) ही खर्च किए।
बड़ी बात ये है कि ये पैसा भी सिर्फ पेड़ों की टहनियां काटने, जंपर और ट्रांसफार्मरों का ऑयल बदलने में खर्च कर दिया गया। रिटायर्ड एडिशनल चीफ इंजीनियर राजेंद्र अग्रवाल के मुताबिक कंपनी ने मेंटेनेंस के खर्च का पूरा पैसा बिजली बिल में जोड़कर उपभोक्ताओं से पहले ही वसूल लिया है। बता दें कि प्रदेश में कुल बिजली उपभोक्ता 1.59 करोड़ हैं। इनमें से 35त्न मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की जद में हैं।
भोपाल
मेंटेनेंस के लिए 233 करोड़ मिले, बिजली कंपनी ने 85 करोड़ में सिर्फ टहनियां काटीं
- 21 Oct 2021