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इंदौर

मंथरा को अपनी सास, ननद और पड़ोसन के बजाय स्वयं अपने  भीतर खोजें- दीदी मां मंदाकिनी देवी

  • 09 Jan 2024

स्कीम 51 के माता मंदिर बगीचे में प्रख्यात मानस मर्मज्ञ दीदी मां मंदाकिनी के सानिध्य मे सैकड़ों लोगों ने लिखे राम नाम
इंदौर। मंथरा आज भी हमारे अंदर, हमारे घर में और समाज में जिंदा है। मंथरा को हम अपनी सास, ननद और पड़ोसन में खोजने के बजाय पहले अपने भीतर ही खोजें। मंथरा प्रवृत्ति है। भगवान राम से प्रार्थना करें कि रावण, कंभकर्ण, मंथरा और मेघनाद जैसी जो प्रवृत्तियां आज भी समाज में जिंदा हैं उन्हें जल्द से जल्द खत्म करें, क्योंकि ये सभी प्रवृत्तियां मेरे हृदय रूपी आपके मंदिर में दिनदहाड़े घुसपैठ कर बैठ गई है। राग-द्वेष, मोह-माया और काम-क्रोध जैसे रावण के रिश्तेदार इस हृदय में घुसकर अशांति फैला रहे हैं। अत: इन्हें तुरंत नष्ट करें। बाहर का रावण तो हम दशहरे पर हर साल जला देते हैं, लेकिन जब तक अंदर का रावण नहीं मरेगा, तब तक राम राज्य की स्थापना सार्थक नहीं हो पाएगी।
युग तुलसी रामकिंकर महाराज की उत्तराधिकारी, रामायणम अयोध्या की प्रमुख दीदी मां मंदाकिनी ने सोमवार को स्कीम 51 स्थित माता मंदिर बगीचे में पांच दिवसीय राम कथा महोत्सव के दूसरे दिन उक्त दिव्य विचार व्यक्त किए। कथा शुभारंभ के पूर्व आयोजन समिति की ओर से वरिष्ठ समाजसेवी प्रेचमंद गोयल के मार्गदर्शन में पार्षद पराग कौशल, गोविंदसिंह पंवार, गिरेन्द्रसिंह भदौरिया, सुरेन्द्र वाजपेयी, अनूप जोशी, अरविंद गुप्ता, लोकेश अवस्थी, राहुल लांभाते, अमित बंटू शुक्ला एवं आचार्य श्री अंकित व्यास सहित सैकड़ों बंधुओं ने दीदी मां का स्वागत कर रामचरित मानस का पूजन किया।  दीदी मां ने कहा कि वे अपने गुरू युग तुलसी रामकिंकर महाराज के जन्मशती महोत्सव के अवसर पर देशभर से सवा अरब रामनाम लिखी पुस्तिकाएं अयोध्या ले जाकर उनकी समाधि पर समर्पित करेंगी और वहां प्रार्थना करेंगी कि देश के इन लाखों भाई-बहनों की भावना के अनुरूप इनके अंतर्मन से असंतों या दुष्टों की इन प्रवृत्तियों को खत्म करें। संयोगवश रामकिंकर महाराज का जन्मशती महोत्सव 22 जनवरी को ही अयोध्या में मनाया जाएगा। दीदी मां के आव्हान पर सोमवार को भी सैकड़ों बच्चों ने पुस्तिकाओं में राम नाम लेखन का अभियान चलाया।