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इंदौर

मंथरा को उपेक्षित से बनाया सकारात्मक -सत्यनारायण सत्तन

  • 24 Jan 2024

DGR @ एल. एन.उग्र
कवि वर सत्यनारायण सत्तन द्वारा रचित खंडकाव्य मंत्थरा को स्वर देकर मंथरा गान का आयोजन प्रति मंगलवार को हिंदी साहित्य समिति के सभागार में किया जा रहा है । गत दिवस दूसरी  श्रृंखला के अवसर पर रचनाकार श्री सत्तन जी विशेष रूप से उपस्थित थे । कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना से प्रारंभ किया गया । सरस्वती वंदना डॉक्टर दीप्ति गुप्ता द्वारा सुमधुर आवाज में प्रस्तुत की गई । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ रामकृष्ण सोमानी जी का स्वागत प्रधानमंत्री श्री अरविंद जवलेकर द्वारा किया गया । श्री सत्तन जी का स्वागत श्री महेंद्र पालीवाल प्रबल संपादक डिटेक्टिव ग्रुप रिपोर्ट द्वारा एवं श्री पुष्पेंद्र पुष्प का स्वागत श्री अरपण जैन द्वारा किया गया । तत्पश्चात लगभग 30 मिनट का मंथरा गान श्री पुष्पेंद्र पुष्प द्वारा अपनी ओज शैली में मंथरा के जीवन वृत एवं प्रभु राम से जुड़ी घटनाओं पर गान के माध्यम से प्रस्तुत किया । इस अवसर पर सततनजी ने मंथरा की रचना से लेकर प्रकाशन तक की घटना का उल्लेख किया । श्री पुष्पगिरी संत से लेकर प्रकाशन पर प्रकाश डाला तथा मंथरा के चरित्र से जुड़ी बातों का भी उल्लेख किया । डॉ रामकृष्ण सोमानी जी ने भी मंथरा के चरित्र पर प्रकाश डाला और श्री सत्तन द्वारा रचित काव्य के गान के रूप में प्रस्तुत करने पर पुष्पेंद्र पुष्प के लिए भी प्रशंसा की । कार्यक्रम का के लिए आभार व्यक्त श्री अरविंद जवलेकर जी द्वारा किया गया । जन गण मन के बाद  सवल्पाहार एवं चाय के साथ समापन हुआ। कार्यक्रम का सफल संचालन काव्य रस परिवार के संस्थापक कवि श्री राजेंद्र पांडे तपन द्वारा किया गया।