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मादक पदार्थ तस्करी का अड्डा बना इंदौर!

  • 16 Feb 2020

नशीले पदार्थों की तस्करी में इंदौर के तार दिल्ली-मुंबई से भी जुड़े
इंदौर। शहर में इन दिनों मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों पर पुलिस, एसटीएफ, नारकोटिक्स और अन्य विभाग मिलकर शिकंजा कस रहे हैं और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसके बाद भी शहर में इन पदार्थों की तस्करी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। एसटीएफ द्वारा हाल ही के दिनों में मादक पदार्थो की तस्करी करने के मामले में जो कार्रवाई की है, उससे साफ नजर आने लगा है कि इंदौर मादक पदार्थो की तस्करी का अड्डा बन चुका है । मंदसौर से लेकर इंदौर तक होने वाली मादक पदार्थो की तस्करी का जाल देश के अन्य राज्य तक फैला हुआ है। एसटीएफ द्वारा इंदौर रेलवे स्टेशन से पकड़े गए तस्कर ने कई राज पुलिस के सामने खोले हैं।
इंदौर एसटीएफ में पुलिस अधीक्षक का पद संभालने के बाद से पदमविलोचन शुक्ला ने तस्करों के गठजोड़ पर कड़ा प्रहार किया है। एसपी शुक्ला ने एक रणनीति के तहत इंदौर में छोटे छोटे स्तर पर मादक पदार्थो की तस्करी करने वालों पर नजर रखने के साथ ही एसटीएफ की टीम को ऐसे मोर्चे पर लगाया जहां से बड़ी मछलियां हाथ लग सके। एसपी एसटीएफ शुक्ला ने गत दिनों जाल बिछाकर एक ऐसे तस्कर गिरोह के सदस्य को पकड़ा है जो ना केवल मंदसौर में बल्कि उज्जैन, इंदौर, देवास , रतलाम , नीमच आदि स्थानों पर मादक पदार्थो की तस्करी करते थे। एसटीएफ को ऐसी ही एक सूचना मिली थी कि मंदसौर से इंदौर के लिए रेलवे से मादक पदार्थो की तस्करी हो रही है। सड़क मार्ग से बसों या दो पहिया वाहनों से मादक पदार्थो की तस्करी करने पर पुलिस के हत्थे चढ़ जाते है इसलिए रेल मार्ग को बेहतर साधन माना जा रहा है।
मुखबिर ने तस्कर का हुलिया भी बताया था जिसके आधार पर इंदौर रेलवे स्टेशन तक आने के बाद मादक पदार्थो की तस्करी करने वाला पुलिस को चकमा देने की नियत से रेलवे पटरी के सहारे शास्त्री ब्रिज की ओर बढ़ गया मगर पुलिस की पैठ ऐसी थी कि वह शास्त्री ब्रिज के नीचे धरा गया। पुलिस को पूछताछ में तस्कर ने खुद की पहचान विशाल पाटीदार पिता दशरथ पाटीदार निवासी नारायणगढ़ मंदसौर बताया था। एसटीएफ के सूत्रों ने बताया कि विशाल ने पूछताछ में ऐसे गिरोह का नाम बताया है जिनका संबंध मुम्बई सहित क ई ऐसे राज्य है जहां पर चरस, अफीम और गांजा की सप्लाई होती है। इंदौर रेलवे स्टेशन के पास शास्त्री ब्रिज के नीचे जिस विशाल पाटीदार को पकड़ा वह अगस्त 2019 में मंदसौर, नीमच और रतलाम में मादक पदार्थो की तस्करी करने के आरोप में पकड़ा जा चुका है और तो उस पर जिस पर थाना एसटीएफ भोपाल में अपराध क्रमांक 17/2019 धारा 8/18 एनडीपीएस एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था । आरोपी प्रकरण की जांच के दौरान आरोपी फरार हो गया था । विशाल के फरार होने पर भोपाल एसटीएफ ने 5 हजार रुपए का ईनाम भी घोषित किया था।
शहर में बाहर से आता है नशा
एसटीएफ, नारकोटिक्स और क्राइम ब्रांच द्वारा की गई अलग-अलग कार्रवाई की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि शहर में बाहर से नशा आता है। नशे के सौदागर अफीम, गांजा, हेरोइन सहित नशीली गोलियां और सायरप के अलावा अन्य नशीली सामाग्री यहां पर सप्लाई करते हैं। नशे की गोलियों को लेकर बीते वर्ष की गई कार्रवाई में पता चला था कि यह प्रदेश के बाहर से सप्लाई हो रही है। इस पर पुलिस ने प्रदेश के बाहर जाकर भी नशीली गोलियों के सौदागरों पर शिकंजा कसा था।
नारकोटिक्स और क्राइम ब्रांच ने भी कसा शिकंजा
शहर में मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों के खिलाफ एसटीएफ के साथ ही पुलिस की नारकोटिक्स विंग और क्राइम ब्रांच ने भी शिकंजा कसा है। बीते वर्ष क्राइम ब्रांच की टीम ने गांजा और अफीम के साथ ही अन्य मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों को गिरफ्तार कर कार्रवाई की थी। वहीं नारकोटिक्स विंग ने भी अनेक तस्करों को पकड़कर उनके खिलाफ एनडीपीएस की धाराओं में केस दर्ज कर सलाखों के पीछे पहुंचाया था। इस विंग द्वारा नीमच, मंदसौर के साथ ही इंदौर अन्य स्थानों पर भी मादक पदार्थ की तस्करी करने वालों की धरपकड़ की जाती है।