शारदीय के आठवें दिन को महाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। अष्टमी तिथि में मां दुर्गा की आठवीं शक्ति माता महागौरी की उपासना की जाएगी। अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है।
महागौरी का रंग पूर्णतः गोरा होने के कारण ही इन्हें महागौरी या श्वेताम्बरधरा भी कहा जाता है । इनके रंग की उपमा शंख, चन्द्र देव और कन्द के फूल से की जाती है । अपने सांसारिक रूप में महागौरी उज्ज्वल, कोमल, श्वेत वर्णी तथा श्वेत वस्त्रधारी और चतुर्भुजा हैं।
आज महाअष्टमी के दिन देवी दुर्गा के महागौरी के निमित्त उपवास किया जाता है। लेकिन धर्मशास्त्र का इतिहास चतुर्थ भाग के पृष्ठ- 67 पर चर्चा में ये उल्लेख भी मिलता है कि पुत्रवान व्रती इस दिन उपवास नहीं करता। साथ ही वह नवमी तिथि को पारण न करके अष्टमी को ही व्रत का पारण कर लेता है।
सर्वमङ्गलमङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते
राहु संबंधी दोषों से छुटकारा पाने के लिए महागौरी की पूजा करनी चाहिए । जो लोग अपने अन्न-धन और सुख-समृद्धि में वृद्धि करना चाहते हैं, उन्हें आज महागौरी की उपासना जरूर करनी चाहिए, साथ ही महागौरी के इस मंत्र का 21 बार जप करके लाभ उठाना चाहिए।
बाबा पंडित
मां दुर्गा की आठवीं शक्ति माता महागौरी
- 13 Oct 2021