छिंदवाड़ा। परासिया की एक युवती को सुनहरे भविष्य का सपना दिखाकर जबलपुर के एक दंपति ने भरोसे में लिया। युवती को धोखे से जबलपुर बुलाया और उसे जयपुर घुमाने ले गए। जयपुर में एक अन्य सहयोगी की मदद से दंपति ने युवती का 1.5 लाख रुपए में सौदा कर दिया।
अचानक लापता युवती के परिजनों ने परासिया थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस ने युवती को जयपुर से खोज निकाला और मानव तस्करी करने वाली दंपति समेत 4 आरोपियों की गिरफ्तारी की है। टीआई सुमेर सिंह जगेत ने बताया कि परासिया निवासी 18 वर्षीय युवती के परिजनों ने 9 जून को शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी बेटी भोपाल के लिए घर से निकली थी, लेकिन वह भोपाल नहीं पहुंची। पतासाजी करने पर युवती के जयपुर में होने की जानकारी मिली। पुलिस टीम ने जयपुर पहुंचकर युवती को छिंदवाड़ा लाकर परिजनों के हवाले किया। जांच में सामने आया कि जबलपुर के बजरंग कॉलोनी कांचघर निवासी 36 वर्षीय कृष्ण कुमार उर्फ मोनू पिता मनमोहन रजक और 38 वर्षीय सरस्वती उर्फ कीर्ति चौहान पति कृष्ण कुमार ने जबलपुर में अच्छा काम और रुपए मिलने का लालच देकर युवती को जबलपुर बुलाया था।
दंपती के झांसे में आकर युवती भोपाल न जाकर 9 जून को जबलपुर चली गई थी। दंपती ने उसे घुमाने के बहाने जयपुर राजस्थान ले गए। यहां सांगानेर निवासी 46 वर्षीय हनुमान पिता लक्ष्मण सिंह कुमावत की मदद से विसालू निवासी 25 वर्षीय विनोद पिता रामस्वरूप पारिक से डेढ़ लाख रुपए लेकर युवती को बेच दिया था। पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ धारा 366, 368, 370, 376 (2) एन, 506का मामला दर्ज किया है। पुलिस अधीक्षक विवेक अग्रवाल ने मामले की गंभीरता से जांच कर आरोपियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे।
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मानव तस्करी का खुलासा
- 08 Jul 2021