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इंदौर

मामला फर्जी प्रमाण पत्र बनाने का ... पालिया और भोपाल के युवक तीन दिन के रिमांड पर

  • 30 Sep 2021

इंदौर। फर्जी प्रमाण पत्र बनाने के मामले में बाणगंगा पुलिस ने पालिया और भोपाल के दो और युवकों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने यूपी-बिहार के लोगों के जन्म प्रमाण पत्र मगरखेड़ा और पंचडेरिया के बना दिए। वहीं फर्जी आयुष्मान कार्ड, आधार कार्ड भी बनाना कबूले हैं। आरोपियों को तीन दिन के रिमांड पर लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है।
बाणगंगा पुलिस ने बताया कि गत 16 सितंबर को फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए प्रियांशी आनलाईन दुकान के अजय हिरे व प्रदीप को गिरफ्तार किया था। आरोपी किसी भी व्यक्ति का फर्जी आधार कार्ड, वोटर आईडी, जाति प्रमाण पत्र, मार्कशीट, आयुष्मान कार्ड व अन्य दस्तावेज 100-150 रुपए में बना देते थे। पुलिस ने अजय और प्रदीप के खिलाफ 420, 467, 468, 120 बी के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर जांच में लिया था।
यूवी के सौ से ज्यादा फर्जी दस्तावेज बनाए
टीआई राजेन्द्र सोनी के अनुसार इस मामले में एएसआई जबरसिंह यादव की टीम ने रोहित पिता मुन्नालाल कुशवाह (26) निवासी पालिया और आकाश पिता अमरदीप साहनी (22) निवासी सुभाष कालोनी भोपाल को गिरफ्तार किया है। दोनों को कोर्ट में पेश कर तीन दिन के रिमांड पर लिया है। पूछताछ में आकाशने बताया कि उसने बिहार व उत्तरप्रदेश के रहने वाले 100 से ज्यादा लोगों के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए हैं। उसने कई फर्जी आयुष्मान कार्ड भी बनाए हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
पीडीएफ फाइल मिली
आरोपी रोहित भी आकाश से फर्जी दस्तावेज बनवाता था। उसके पास कई दस्तावेजों की पीडीएफ फाइलें मिली हैं। अधिकतर फर्जी दस्तावेज उन्होंने बाणगंगा के मगरखेड़ा व सांवेर की पंचडेरिया ग्राम पंचायत के नाम से तैयार किये हैं। दोनों पंचायत से पुलिस ने इन दस्तावेजों की जानकारी मांगी तो उन्होंने जारी करने से इनकार कर दिया। आरोपियों ने 90 फर्जी जाति प्रमाणा पत्र भी बनाए हैं, जिनकी जांच के लिए एसडीएम कार्यालय पर भेजा गया है।
500 से 1 हजार में सौदा
आरोपियों ने बताया कि वे 500 से 1000 रुपए में फर्जी दस्तावेज तैयार कर देते थे। टीआई के अनुसार जिन लोगों ने दस्तावेज बनवाए हैं, उनके बयान लेकर पता किया जाएगा कि उन्हें इन फर्जी दस्तावेजों क जरूरत क्यों पड़ी। गिरफ्तारी से पहले आरोपी रोहित ने अपने मोबाइल का डाटा भी डिलीट कर दिया था, जिसे बाद में रिकवर करवाया गया है। मामले में पहले गिरफ्तार प्रदीप, अजय हिरे, देवीलाल आदि जेल भेजे जा चुके हैं।