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मैरिटल रेप पर सुनवाई के दौरान SC का बड़ा सवाल- अगर शादी के बाद भी पति को ना मिले सेक्स की छूट?

  • 18 Oct 2024

नई दिल्ली। मैरिटल रेप को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पतियों को पत्नी के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाने की छूट देने वाले प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को लेकर विचार किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई के दौरान सवाल किया कि क्या अगर पति को शादी के बाद मिलने वाली सेक्स की छूट को खत्म किया जाता है तो एक नए अपराध का जन्म हो जाएगा? 
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिशअरा की बेंच ने आईपीसी (अब बीएनएस) की धारा 375 के अपवाद वाले क्लॉज पर सुनवाई की। इसके तहत अगर पत्नी नाबालिग नहीं है तो उसके साथ पति के शारीरिक संबंध बनाने को मैरिटल रेप की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने पूछा, आपका कहना है कि मैरिटल रेप से जुड़े अपवाद को खत्म करने पर नए अपराध का जन्म नहीं होगा। अपवाद के चलते अगर कोई महिला 18 साल से ज्यादा उम्र की है तो शादी के बाद पति को उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने की छूट मिलती है। मान लीजिए अगर इस अपवाद को खत्म कर दिया जाता है तो क्या नया अपराध पैदा हो जाएगा? क्या कोर्ट को स्वतंत्र रूप से इस अपवाद की संवैधानिक वैधता जांचने का अधिकार है?
कुछ याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुए सीनियर वकील करुणा नुंडी ने कहा कि इस तरह के सवाल निजी विचार बनाम भारत सरकार हो सकते हैं। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह ध्यान रखने की जरूरत है कि संवैधानिक आदेशों में स्त्रीविरोध और पुरुषवाद का कोई स्थान नहीं है। सीजेआई ने कहा, अगर पति को मिलने वाली छूट को खत्म कर दिया जाता है तो यह अपराध सामान्य प्रावधानों के अंतरगत ही आएगा या फिर कोर्ट को अलग अपराध का निर्माण करना होगा।
साभार लाइव हिन्दुस्तान