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चिंतन और संवाद

मोरारी बापू

  • 22 Jan 2024

मैंने कहा है कि मेरे कोई फॉलोअर्स नहीं है, मेरे सब फ्लावर्स है। मेरे कोई अनुयायी नहीं हैं, कि मेरे पीछे कोई भीड़ चले, ये मैं नहीं चाहता। कि मेरे पीछे कोई भीड़ चले, मैं नहीं चाहता मेरे सब फ्लावर्स । मेरे विश्व वाटिका की ये बगिया है । इसमें सब मेरे श्रोता है, मैं उनको फ्लावर्स। मेने सब फ्लावर्स को कहा कि आप में जो श्रद्धा की डिवाइन स्मैल है, एक पवित्र और दिव्य खुशबू है, ये खुशबू लेकर, ये तुम को ही, तुम जो फ्लावर है। तुम्हारे सद् मन को, तुम्हारे सद् भाव को, ये सब फ्लावर लेकरके 22 तारीख को मानसिक रूप में, भगवान के चरणों में समर्पित करूंगा । मैं जा रहा अकेला लेकिन मेरे साथ कई लोगों भी, और मैं इन सब की आंखों को साथ में रख कर, मेरे राम का दर्शन करूंगा। मैं बार बार कह चुका हूं, मुझे राम ही दिखते हैं। ये कोई विवाद, क्यूं ऐसे हुआ, क्यूं ऐसे नहीं हुआ, ये होना चाहिए, इसमें मेरी कोई रूचि नहीं है। मैं केवल राम को देख रहा हूं। और इस प्रतीक्षा में हूं कि कब वो पल आयें, जैसे अर्जुन चिड़िया को देखना बंद करता है, शाखा को बंद करता है, केवल चिड़िया की आंख देखता है और लक्ष्य प्राप्ति हो गई। ऐसे ही हम चाहते है कि राम लला के दर्शन करें। मुझे खबर नहीं, मैं आपको प्रमाण नहीं दे सकता हूं, मैं बार बार बोला हूं लेकिन मेरे अंतः करण की साधु प्रवृत्ति मुझे कह रही है कि भारत का ये महोत्सव, परमोत्सव । महोत्सव भी मैं नहीं कहूंगा, ये परमोत्सव है । ऐसा परमोत्सव मेने मेरे 78 साल की उम्र में कभी नहीं देखा। जो जन जन को जागृत कर रहा है । तो ये घटना घट रही है और इसके थ्रू, इसके द्वारा मुझे लगता है कि भारत विश्व में एक विशेष प्रकार का प्रकाश और प्रेरणा का विस्तार करेगा । भगवान करे, हनुमान जी मेरा ये मनोरथ पूरा करें। आपके दर्शकों और आपके चाहकों के लिए बहुत बहुत शुभकामना । 22 तारीख की एडवांस में बहुत बहुत बधाई। आपके सभी दर्शक, आपके सभी साथी, सपरिवार संपन्न रहे, प्रसन्न रहें और सत्य प्रेम और करूणा के चरणों में प्रपन्न रहें। ऐसी प्रार्थना करता हूं।...आप सभी को मेरा प्रणाम जय सियाराम ।