कोरोना से माता-पिता को खोने वाले 23 बच्चों के लिए पालक अधिकारी नियुक्त
संपत्ति सुरक्षित करने के साथ देखना होगा की बच्चों को कोई परेशानी तो नहीं
इंदौर। कोरोना के कारण जिन बच्चों के माता-पिता दोनों की जान चली गई है, इनकी संख्या जिले में 23 है। इन सभी बच्चों के लिए जिला प्रशासन ने पालक अधिकारी नियुक्त कर दिए हैं। इन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने साथ एक सहायक पालक अधिकारी नियुक्त करें, जो हर माह कम से कम हर 15 दिन में इन बच्चों से बात करेंगे और किसी भी समस्या आने पर उनके निराकरण के लिए बच्चों के संपर्क में रहेंगे। साथ ही पालक अधिकारी माह में एक बार इन बच्चों से बात कर उनकी समस्या सुनेंगे।
इस संबंध में हुई सभी पालक अधिकारियों की बैठक में कलेक्टर ने कहा कि सभी बच्चों से जाकर पहले एक बार सभी अधिकारी मिलें और उनकी समस्याएं सुने। खासकर उनकी संपत्ति जो माता-पिता के नाम पर थी, चल या अचल कोई भी, उसे सबसे पहले सुरक्षित रखा जाए। इसके साथ ही स्कूल-कॉलेज स्तर पर फीस या अन्य कोई समस्या आ रही है, तो उसे दूर करें। सभी पालक अधिकारी बच्चों और उनके संरक्षक को अपना नंबर देकर रखेंगे और उनसे नंबर लेकर लगातार संपर्क में रहेंगे, जिससे किसी भी समस्या के लिए उसे दूर किया जा सके।
जिले में निशक्तजनों की पहचान के लिए होगा सर्वे
जिले में निशक्तजनों की पहचान के लिए सर्वे कराया जाएगा। यह सर्वे ग्राम पंचायत स्तर तक होगा। शहर में घर-घर जाकर इसकी जानकारी ली जाएगी। साथ ही जिले के सभी शासकीय तथा अशासकीय स्कूलों के बच्चों का हेल्थ चेकअप होगा। इस आधार पर बच्चों की हेल्थ बुक तैयार की जाएगी। यह जानकारी सोमवार को कलेक्टर कार्यालय में सम्पन्न हुई दिव्यांगजनों के हितार्थ संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक में दी गई। बैठक में दिव्यांगजन केन्द्रीय सलाहकार बोर्ड के सदस्य डॉ. सुकुमार, कलेक्टर मनीष सिंह, आयुक्त निशक्तजन संदीप रजक, राष्ट्रीय दृष्टिबाधित संस्थान के डॉ. पवन स्थानक तथा नेशनल ट्रस्ट ऑफ इण्डिया के स्टेट कॉ-आडिनेटर पंकज मारू विशेष रूप से मौजूद थे।
इंदौर
मासूमों के सिर पर अब प्रशासन का 'हाथ'
- 11 Aug 2021