लखनऊ। बिजली लाइन हानियों के ताजा आंकड़ों ने बिजली चोरी पर अंकुश लगाने के तमाम प्रयासों और सुधार के दावों की पोल खोलकर रख दी है। सरकार से लेकर पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन और बिजली कंपनियों की कोशिशों के बावजूद बिजली चोरी बढ़ गई है। पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष जुलाई तक के आंकड़े देखें तो शहरी क्षेत्रों के 30 विद्युत वितरण खंडों में वितरण लाइन हानियों (बिजली चोरी) में 10 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। इनमें इसमें ऊर्जा मंत्री के गृह जिले मथुरा, मुख्यमंत्री के गृह जिले गोरखपुर तथा प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के वितरण खंड भी शामिल हैं।
इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों के 44 वितरण खंडों में बीते साल के मुकाबले इस साल वितरण लाइन हानियां 15 फीसदी से ज्यादा बढ़ी हैं। इसमें भी ऊर्जा मंत्री के गृह जिले मथुरा के साथ-साथ कई अन्य प्रमुख जिलों के वितरण खंड शामिल हैं। शहरी क्षेत्रों में 47 तो ग्रामीण क्षेत्रों में 65 फीसदी तक लाइन हानियां हुई हैं।
उल्टा पड़ा सुधार का वादा, बढ़ गईं वितरण लाइन हानियां
निजीकरण की सुगबुगाहट पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले बिजली अभियंता भी सुधार के वादे पर खरे नहीं उतरे। पछले साल पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में आंदोलन करने वाले बिजली अभियंताओं ने सरकार के साथ 6 अक्तूबर 2020 को हुए समझौते में सुधार करके दिखाने का दावा किया था, लेकिन हुआ उल्टा। लाइन हानियां कम होने के बजाय बढ़ गई हैं।
लखनऊ
यूपी में कम होने के बजाय बढ़ गई बिजली की चोरी
- 08 Sep 2021