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उज्जैन

रक्षाबंधन पर्व पर बाबा महाकाल को लगेगा सवा लाख लड्डूओ का भोग

  • 25 Aug 2023

परंपरानुसार पहली राखी पुजारी परिवार बांधेगा, भक्तों को लड्डू प्रसाद दिया जाएंगा
उज्जैन। 30 अगस्त को श्रावण शुक्ल की पूर्णिमा रक्षाबंधन पर्व पर तडक़े भस्मारती में ज्योतिर्लिंग श्री महाकालेश्वर को सवा लाख लड्डूओं का भोग लगाया जाएंगा। परंपरानुसार भस्म आरती के पुजारी परिवार की ओर से भगवान महाकाल को सबसे पहले राखी बांधी जाएंगी। पुजारी राजाधिराज महाकाल का श्रृंगार कर भस्म आरती करेंगे।
इस बार सवा लाख लड्डूओ का महाभोग भस्मा आरती पुजारी परिवार के प्रदीप गुरु,दिलीप गुरु, बबलू गुरु द्वारा भक्तों के सहयोग से बाबा महाकाल को अर्पित किया जाएंगा।
पुजारी परिवार के यश गुरु,माधव गुरु ने बताया उज्जैन में परंपरा है कि कोई भी त्योहार सबसे पहले भगवान महाकाल के आंगन में मनाया जाता है। इसलिए रक्षाबंधन पर्व पर भी सबसे पुजारी भस्म आरती में भगवान श्री महाकाल को राखी अर्पित करेंगे। इसके बाद भगवान को सवा लाख लड्डूओं का महाभोग लगाया जाएंगा तथा सुबह शाम तक दर्शन के लिए मंदिर आने वाले भक्तों को लड्डू का प्रसाद वितरित होगा। मंदिर में फूलों की आकर्षक सजावट की जाएंगी। पुजारी परिवार की महिलाएं भगवान महाकाल को भस्म आरती में राखी बांधेगी।
भद्रा का प्रभाव होने से भाईयों की कलाईयों पर रात्रि में बंधेगी राखी
श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर 30 अगस्त को इस बार भद्रा का वास भूलोक पर है। इस कारण दिन में भद्रा के प्रभाव के कारण रक्षाबंधन का पर्व रात्रि में मनेगा। बहनें भाइयों की कलाई पर रात 9 बजे बाद से राखी बांध सकेंगी।
ज्योतिषाचार्य पं.अमर डिब्बेवाला ने बताया कि रक्षाबंधन के पर्व काल पर प्रात: 10 बजे से भद्रा का आरंभ होगा,जो रात्रि में 9.07 बजे तक रहेगा। दिनभर भद्रा का साया रहने के कारण रक्षाबंधन का पर्व नहीं मनाया जा सकता। 30 अगस्त को सुबह 10 बजे से पूर्णिमा लग रही है। इसी दौरान भद्रा भी है। ऐसी मान्यता है कि रक्षाबंधन के पर्व काल में पूर्णिमा तिथि में भद्रा का योग बनता हो तो भद्रा का वह काल छोड़ देना चाहिए। भद्रा समाप्त होने के बाद ही रक्षाबंधन का त्योहार मनाना चाहिए। रात्रि 9ै बजकर 7 मिनट पर भद्रा समाप्त हो जाएंगी, इसके बाद रक्षा बंधन का पर्व मनाना शास्त्रोचित रहेगा। धार्मिक ग्रंथों में भद्रा के संबंध में अलग-अलग विचार प्रकट किया गया है। कुल मिलाकर जब भद्रा का वास पृथ्वी लोक या भूलोक पर हो, तब उस भद्रा का त्याग कर देना चाहिए व भद्रा की समाप्ति की प्रतीक्षा करनी चाहिए उसके बाद ही रक्षा बंधन का पर्व मनाना चाहिए।
बड़ा गणेश मंदिर में रात में बंधेगी राखी
श्री महाकालेश्वर मंदिर के पास स्थित बड़ा गणेश मंदिर पर 30 अगस्त को रात में रक्षा बंधन पर्व मनाया जाएंगा। पं.आनंदशंकर व्यास ने बताया कि रक्षाबंधन पर्व पर दिन के समय भद्रा होने से रात में 9 बजे के बाद पर्व मनाते राखी बांधी जाएंगी। भगवान गणेश को भी भद्रा की समाप्ति के पश्चात रात्रि में राखी बांधी जाएंगी।