इंदौर। नापतौल विभाग के अधिकारी और कर्मचारी सिर्फ दीपावली, रक्षा बंधन या किसी बड़े वार त्यौहार पर ही कार्रवाई करते नजर आते हैं। बाकी के पूरे सालभर ये अपने दफ्तर की गुफा में आराम फरमाते हैं।
यह कड़वा सच है कि इंदौर में मिठाई वाले तौल में मोल में मारते हैं। गत्ते के डिब्बों को तौल में शामिल कर लेते हैं। पेट्रोल पंप वाले महंगे पेट्रोल में डंडी मारते हैं। मशीन भले ही इलेक्ट्रानिक हो वे उसे अपने जानकारों से सेट करवा लेते हैं। पारदर्शी पाइप डालकर उपभोक्ता के सामने पेट्रोल की नॉब उठाकर पेट्रोल डीजल डाला नहीं जाता है। कितना पेट्रोल डीजल कम दिया यह तो पता हीं नहीं चलता है। कोई जागरूक उपभोक्ता कम तौलने की शिकायत करता है तो पेट्रोल पंप पर काम करने वाले दादा पहलवानों का गिरोह घेर कर भगा देता है। पुलिस में शिकायत करो तब भी कोई कार्रवाई नहीं होती। पुलिस नापतौल विभाग के पास जाने की सलाह देकर अपना कर्तव्य पूरा करती है। कुल मिलाकर उपभोक्ता पेट्रोल डीजल ले, सीएनजी गैस ले या मिठाई नमकीन खरीदे वह डंडी मारकर कम तौली करने वालों का शिकार होता है। हालत इतनी दयनीय है कि बर्तन बाजार में बर्तन को पोलिथीन पैकिंग सहित तोला जाता है। कोई उपभोक्ता जागरूकता दिखाए तो कहा जाता है कि उन्होंने भी बर्तन फैक्ट्रियों से पैकिंग सहित तौल में लिया है तो पोलिथीन तौल में देंगे ही। तरह तरह से आम उपभोक्ता नापतौल के दौरान लूट के शिकार हो रहे हैं लेकिन सरकार का सफेद हाथी विभाग ह्यनापतौलö चुप्पी साधे बैठा रहता है।
आटो रिक्शा में मीटर की चेकिंग भी नहीं
नापतौल विभाग की जिम्मेदारी है कि वह आटो रिक्शा या टैक्सी कार के मीटर चेक करें। मीटर नहीं होने पर कार्रवाई करे लेकिन सौ दिन में एकाध बार ही बेईमान आटो रिक्शा वालों पर दिखावे की कार्रवाई होती है।
इंदौर
राखी दीपावली पर ही नजर आते हैं नापतौल वाले
- 08 Dec 2021