भोपाल। प्रदेश की राजधानी से ही तय होता है कि माफियाओं और अपराधियों पर किस तरह और कैसी कार्रवाई की जाना चाहिए, जिससे अपराधियों और अपराधों पर अंकुश लग सके, लेकिन ताज्जुब तो तब होता है, जब इसी राजधानी में खनन का खेल चलने लगे। दरअसल भोपाल जिले की जमीन को अवैध खनन से खोखला किया जा रहा है। जिले में कभी खनिज विभाग ने 192 खदानों में क्रेशर संचालन के लिए अनुमति दी थी, लेकिन बाद में कागजों में इनमें से 112 बंद दी गईं, लेकिन कई खदानें बेरोकटोक चल रही है, जहां बेहिसाब खुदाई भी हो गई और लिमिट से गहरा खोद दिया गया।
इसकी शिकायत संभागायुक्त कवींद्र कियावत के पास पहुंची थीं। उन्होंने जांच कराकर कार्रवाई के लिए कहा था, लेकिन माफिया का खौफ है कि खनिज विभाग के किसी अफसर ने अब तक इनकी जांच नहीं की है। बड़ी बात ये है कि इन खदानों में खनन करने वाले लोगों में राजनीतिक दलों से जुड़े हैं। दो साल पहले तत्कालीन कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने ये खदानें बंद करने को कहा था।
विभाग ने क्रेशर के पट्टे काटकर दिखावी कार्रवाई भी कर दी थी, लेकिन ये खदानें चुपके से दोबारा शुरू हो गईं। अब हर दिन यहां से सैकड़ों डंपर गिट़्टी निकाली जा रही है, वो बिना रॉयल्टी के।
तार फेंसिंग नहीं, सुरक्षा की दीवार तक नहीं बनाई
खदानों में न तार फेंसिंग है, न सुरक्षा दीवार। पिछले साल हुजूर में ऐसी ही एक खदान में दो बच्चों की मौत हो गई थी। जिला खनिज अधिकारी ने खदान का पट़्टा तो निरस्त किया, लेकिन लीज अब तक निरस्त नहीं की। जिला खनिज अधिकारी एचपी सिंह का तर्क है कि खदानों में हुए खनन के लिए सभी खदानों के डिफरेंसियल ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (डीजीपीएस) सर्वे कराकर जा रहा है। 80 से ज्यादा खदानों में गड़बड़ी मिली है।
DGR विशेष
राजधानी में खनन खेल, खदानों में बेहिसाब खुदाई; यहां लिमिट से गहरा खोदा
- 25 Nov 2021