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इंदौर

रेड सिग्नल तोडऩे वालों को पीछा कर पकड़ रही पुलिस, डीपीसी के निर्देश के बाद शुरू हुई कार्रवाई

  • 04 Jan 2022

इंदौर। अब शहर में ट्रैफिक रेड सिग्नल तोड़कर भागने वाले वाहन चालकों की खैर नहीं है। पुलिस पीछा कर उन्हें पकड़ेगी। अभी तक रेड सिग्नल में पुलिस के सामने निकलने वालों को पकडऩे के लिए बंगाली और रोबोट चौराहे पर तैनात अमले को खबर देनी होती थी, लेकिन तब तक नियम तोडऩे वाले भाग निकलते थे। ट्रैफिक डीसीपी महेशचंद्र जैन ने सिग्नल तोडऩे वालों का पीछा करने की आजादी दी है। उन्होंने कमान संभालते ही रेड सिग्नल पार करने वालों को सबक सिखाने की तैयारी की है।
सूबेदार अमित यादव लंबे समय से खजराना चौराहे पर ट्रैफिक संभाल रहे हैं। आदेश का पालन करते हुए वे नियम तोडऩे वाले वाहन चालकों को सबक सीखने में जुट गए हैं। सोमवार शाम खजराना चौराहे पर चल रहे चेकिंग अभियान में बाइक एमपी 41-एमजे-6352 चालक रेड सिग्नल पार कर निकला। सूबेदार यादव ने पीछा किया, तो गाड़ी आनंद बाजार होते साकेत चौराहे की ओर निकल गई, जहां यादव ने चालक को पकड़ लिया। इसी तरह बुलेट एमपी-10 एमएन-3728 पर सवार तीन युवक खजराना मंदिर की तरफ भागे। इन्हें पुरानी पुलिस चौकी के पास पकड़ लिया। इन पर एक-एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया। यादव का कहना है अभी तक चौराहे पर रेड सिग्नल पार करने वाले इधर-उधर गलियों में से बच निकलते थे। अब डीसीपी ने नंबर प्लेट ट्रेस कर वीडीपी एप के जरिए घर तक जाकर चालान काटने की छूट दी है।
वाहनों के इंजन बंद की मुहिम आज से
आज से आबोहवा को दुरुस्त करने के लिए रेड सिग्नल पर गाडिय़ों के इंजन बंद करने की मुहिम शुरू होगी। 19 चौराहे पहले से तय कर लिए हैं और इनकी जिम्मेदारी भी अलग अलग संगठनों को दी है। मुहिम शुरू करने से पहले इन चौराहों पर जेब्रा क्रॉसिंग और स्टाफ लाइन रिन्यू करने का काम चल रहा है। कुछ चौराहे बचे हैं। सुबह और शाम इन चौराहों पर ड्रेस कोड में अफसर और कर्मचारी नजर आएंगे। स्मार्ट सिटी के जरिए मुहिम को चलाया जाएगा।
हम नहीं सुधरेंगे बगैर सख्ती के...!
मोबाइल पर बातें करते गाड़ी चलाते हैं
ट्रैफिक पुलिस ने मुख्य चौराहों पर यातायात सुधार का अभूतपूर्व काम किया है लेकिन कई इलाकों जहां ट्रैफिक पुलिस की पहुंच नहीे है वहां चलती बाइक, स्कूटर व कार में मोबाइल पर बात करने वाले देखे जा सकते हैं। मोबाइल पर स्कूटर या बाइक चलाते हुए बात करना जानलेवा है फिर भी लोग मान नहीं रहे हैं। इन्हें पकडऩे के लिए सादे कपड़ों में पुलिस की तैनाती जरूरी है। ऐसे लोगों के मोबाइल भी जब्त कर लिए जाना चाहिए। मोबाइल पर बात करने वालों के साथ ही अस्सी से सौ किलोमीटर की तेज रफ्तार से हैवी बाइक चलाने वाले भी आऊट ऑफ कंट्रोल है। ये मौका देखते ही 80 से 100 किलोमीटर की रफ्तार से बाइक भगाते हैं। सुपर कॉरिडोर पर भी ऐसे बेकाबू रफ्तार वाले लोगों के लिए जानलेवा बन रहे हैं। पुलिस की जब सड़क पर मौजूदगी नहीं होती है तब इनकी तेज रफ्तार, भारी स्ट्रोक व फटाके फोडऩे वाली बाइक पकडऩे की मुहिम भी चलाना होगगा। ऐसे बाइक सवार रसूखदार होते हें और समझते हैं हजार पांच सौ रू. जुमार्ना भर देंगे। ऐसे युवाओं की बाइक जब्त कर कोर्ट में पेश करवाने की प्रक्रिया शुरू करना जरूरी है।