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ग्वालियर

रेप के फर्जी मामले दर्ज कर पुलिस कर रही ब्लैकमेलिंग, आईजी से शिकायत

  • 03 Feb 2022

ग्वालियर।  व्यापमं घोटाले का खुलासा करने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी ने इस बार पुलिस पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। आशीष ने आईजी ग्वालियर जोन अनिल शर्मा को शिकायत की है कि पुलिस धारा 376 (बलात्कार) के झूठे मामले दर्ज कर ब्लैकमेलिंग कर रही है। पुलिस विधि प्रक्रिया का दुरुउपयोग कर भ्रष्टाचार कर रही है। उन्होंने अपनी शिकायत में दो मामलों का उदाहरण देकर दो महिला सब इंस्पेक्टर की कार्यशैली पर सवाल उठाकर कार्रवाई की मांग की है। मामले में आईजी ग्वालियर ने आशीष को जांच का आश्वासन दिया है। आशीष ने यह भी बताया है कि पुलिस द्वारा फर्जी मामले दर्ज कर ब्लैकमेलिंग की उन्हें लगातार शिकायतें मिल रही हैं। जिसके बाद वह शिकायत करने पर विवश हुए हैं।
पहला मामला
- पहले मामले में आशीष ने थाना डबरा में 2 जून 2021 के एक मामले का विवरण रखा है। इस तारीख में शून्य पर दर्ज किऐ गऐ अपराध धारा 376, 376 (2) में घटना स्थल हरियाणा दर्शाया गया था। उक्त अपराध में साठगांठ उपरांत मामला दर्ज करने वाली एक महिला उप निरीक्षक थाना डबरा द्वारा फरियादी के 164 के कथन न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी डबरा जिला ग्वालियर के समक्ष दर्ज कराऐ गऐ जिसमें महिला ने उसके साथ ऐसी कोई घटना होने से शून्य अपराध दर्ज किए जाने के 24 घण्टे के भीतर ही स्पष्ट इंकार कर दिया। साथ ही फरियादी द्वारा पेश एक शपथ पत्र 16 जून 2021 भी जांच में जब्त है जिसमें भी घटना से इंकार किया गया है। इस मामले में न तो एमएलसी कराई न ही कोई फोरेंसिक जांच कराई गई। महिला पुलिस अधिकारी ने भ्रष्टाचार के लिए ऐसा किया। इसकी जांच कराई जाए।
दूसरा मामला
आशीष ने दूसरी शिकायत थाना विश्वविद्यालय में दर्ज किए गए अपराध क्रमांक 31/22 धारा 376,506,34 उक्त गैंगरेप के अपराध की जांच करने वाली महिला पुलिसकर्मी की है। पुलिसकर्मी ने उक्त अपराध में मिथ्या रूप से फसाये जाने की धमकी देकर अवैध वसूली, ब्लैकमेलिंग की गई जिसके संबंध में पीडितो द्वारा मुझसे मदद मांगी गई जिसमें ग्वालियर में पुलिस विभाग में पदस्थ उप निरीक्षक स्तर के अधिकारी से भी लगातार ब्लैकमेलिंग की गई जब मामला मेरे द्वारा वरिष्ठ अधिकरीयो के संज्ञान में लाया गया तो जांच अधिकारी द्वारा घटना से जुड़े तकनीकी साक्ष्य मिटाऐ गऐ जिसकी जानकारी भी मेरे द्वारा अधिकारीयों को दी गई। इसके बाद पुलिसकर्मी द्धारा उक्त अपराध की फरियादी की मोबाइल रिकॉर्डिंगमुझे मेरे व्हाटसअप नम्बर पर भेजी। इसमें भी पुलिसकर्मी की कार्यशैली संदिग्ध नजर आती है।
अफसरों ने दिया है जांच का आश्वासन
- इस मामले में आईजी ने शिकायत को लेकर जांच का आश्वासन दिया है। आईजी ग्वालियर ने आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी से कहा है कि वह पूरे मामले की जांच कराएंगे जो दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।