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इंदौर

राम का चरित्र जितना निर्दोष, सीताजी का चरित्र उतना ही पवित्र - डॉ. सुरेश्वरदास

  • 05 Jan 2024

इंदौर। राम यदि मयार्दा पुरूषोत्तम है तो सीताजी भारतीय नारी का आदर्श प्रतिबिंब। जिस दिन हर घर में राम जैसा बेटा और सीता जैसी बहू हो जाएंगे, रामराज्य स्वत: चला आएगा। राम का चरित्र जितना निर्दोष है, सीताजी का चरित्र उतना ही पवित्र और पावन। नारी का सच्चा आभूषण उसकी लज्जा होती है। धनुष यज्ञ अहंकारी राजाओं के घमंड को तोड़ने का प्रतीक है। मानस की कथा मनुष्य को निर्भयता प्रदान करती है। महापुरूष वही होते हैं, जो स्वयं की समस्या को छोडकर राष्ट्र की समस्याओं के निवारण का चिंतन करते हैं। जीवन में ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे राम नाम का चिंतन छूट जाए और हमारे भजन भक्ति बिगड़ जाए।
ये दिव्य विचार हैं मानस मर्मज्ञ आचार्य डॉ. सुरेश्वरदास रामजी महाराज के, जो उन्होंने बफार्नी धाम के पीछे स्थित गणेश नगर में माता केशरबाई रघुवंशी धर्मशाला परिसर के शिव-हनुमान मंदिर की साक्षी में चल रही रामकथा में व्यक्त किए। कथा में शुक्रवार को सीता स्वयंवर प्रसंग की व्याख्या की गई। कथा शुभारंभ के पूर्व स्वामी आत्मारामदास एवं कृष्ण गोपाल भार्गव के सानिध्य में  तुलसीराम-सविता रघुवंशी, पं. शैलेन्द्र जोशी, मनोज भार्गव, ज्ञानप्रकाश यादव, मोहन पाटीदार, देवकरण यादव, नारायणसिंह बघेल, गौरीशंकर मालवीय, रामसिंह राजपूत, बाबूसिंह राजपूत एवं श्यामसिंह ठाकुर सहित अनेक भक्तों ने व्यासपीठ एवं राम चरित मानस का पूजन किया। कथा के दौरान मनोहारी भजनों पर समूचा पांडाल आज भी झूमता रहा ।
संयोजक रेवतसिंह रघुवंशी ने बताया कि रामकथा का यह संगीतमय दिव्य अनुष्ठान पुष्प दंतेश्वर महादेव मंदिर एवं स्वाध्याय महिला भजन मंडली के तत्वावधान में 9 जनवरी तक प्रतिदिन दोपहर 1 से सायं 5 बजे तक होगा। कथा में  शुक्रवार, 5 जनवरी को श्रीराम वनगमन एवं केवट प्रसंग, 6 को भरत चरित्र, 7 को पंचवटी निवास एवं शबरी चरित्र, 8 को राम-सुग्रीव मित्रता तथा मंगलवार, 9 जनवरी को रावण वध एवं रामराज्याभिषेक प्रसंगों की कथा होगी।