राम के दर्शन के लिए न हमे जल्दी न निमंत्रण की जरूरत
सतना । अपने बयानों के कारण हमेशा सुर्खियों में रहने वाले प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राम और धर्म की बात करने वाली भाजपा पर धर्मशास्त्र की मान्यताओं को दरकिनार करने के आरोप लगाए हैं।
रीवा में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद भोपाल वापसी के लिए बुधवार को देर रात सतना पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमे राम के दर्शन के लिए न तो कोई जल्दी है और न ही किसी निमंत्रण की आवश्यकता। भगवान राम में हमारी आस्था है। वैसे भी धर्मशास्त्र में मान्यता है कि निर्माणाधीन मंदिर में कोई प्राण प्रतिष्ठा नहीं होती। जब मंदिर पूरी तरह बन जायेगा तब हम जाएंगे और दर्शन करेंगे।
दिग्विजय ने भाजपा पर धर्मशास्त्र की मान्यताओं को दरकिनार करने के आरोप लगाते हुए कहा कि इस कार्यक्रम में न तो कोई शंकराचार्य जा रहे हैं और न ही रामानंद सम्प्रदाय के संत जा रहे हैं। विहिप,संघ और पीएम नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से यह आयोजन रचा है,उसमे कोई राजनैतिक दल भी शामिल नहीं हो रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने एक और सवाल उठाते हुए कहा कि कई दशक पुराने मंदिर के मामले में जब सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला दे दिया तो फिर आखिर ये मंदिर उस जगह पर क्यों नहीं बनाया जा रहा जहां मस्जिद थी और जिसे रामलला का जन्मस्थल बताया जाता रहा है। कई दशकों पुराना विवाद भी तो इसी बात को लेकर था तब मंदिर उस भूमि पर क्यों बनाया जा रहा है जिसका अधिग्रहण पूर्व प्रधानमंत्री स्व नरसिम्हाराव ने किया था?
दिग्गी ने कहा कि भाजपा, संघ और विहिप ने निर्मोही अखाड़ा का अधिकार छीना है। उन्होंने कहा जब मंदिर पूरी तरह बन जायेगा तब वे दर्शन करने अयोध्या जाएंगे।
बता दें कि मंगलवार को विकसित भारत संकल्प यात्रा में शामिल होने आए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा था कि कांग्रेस ने बड़ी बेशर्मी के साथ लिखित में मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का निमंत्रण ठुकराया है। कांग्रेस के भाग्य फूट गए हैं। उसने दुनिया भर के हिंदुओं का अपमान किया है। इसके लिए कांग्रेस नेतृत्व को माफी मांगना चाहिए।
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राम मंदिर पर दिग्विजय ने उठाए सवाल, बोले- जहां मस्जिद थी वहां क्यों नहीं बनाया मंदिर ?
- 18 Jan 2024